“मानस गुरू वंदना” – बिना संगीत के मोरारी बापू की राम कथा, 844 वीं रामकथा
- पहली बार बिना संगीत के मोरारी बापू की राम कथा
- मोरारी बापू की 844वीं राम कथा 6 जून, 2020 से
- 59 साल पहले मोरारी बापू ने मात्र 14 वर्ष की आयु में पहली कथा गाई थी
- पहली कथा के सिर्फ तीन श्रोता थे, इस कथा के भी तीन श्रोता होंगे
तलगाज़रडा, भावनगर। व्यास पीठ के सभी श्रद्धालुओं और विश्वभर के रामकथा प्रेमियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण शुभ सूचना है। तलगाज़रडा के जिस त्रिभुवन वटवृक्ष के नीचे करीब 59 साल पहले मोरारी बापू ने मात्र 14 वर्ष की आयु में पहली कथा गाई थी, उसी वृक्ष के नीचे 6 जून, 2020 दिन शनिवार से नौ दिवसीय राम कथा होने जा रही है। ये कथा शनिवार से शुरू हो गई है। सुबह 9-1230 बजे कथा कही जाएगी।
ये मोरारी बापू की 844वीं कथा है। लॉकडाउन के 61 दिन बापू ने इसी त्रिभुवन वटवृक्ष के नीचे झूलती व्यासपीठ यानि झूले से रोजाना हरि कथा सुनाई है जिसका हम सभी ने श्रवण किया है। 6 जून से होने वाली इस राम कथा की खास बात ये है कि जिस तरह से बापू की पहली कथा बिना संगीत के थी, उसी तरह से ये कथा भी बिना संगीत के होगी। पहली कथा के सिर्फ तीन श्रोता थे, इस कथा के भी तीन श्रोता होंगे। इसका मतलब है कि कथा सुनने के लिए किसी भी श्रोता या श्रद्धालु को तलगाज़रडा नहीं पहुंचना है।
बापू ने लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग सहित सरकार के प्रत्येक दिशा-निर्देश का शत-प्रतिशत पालन किया है। उसी प्रकार से इस राम कथा के दौरान भी सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। कथा शुरू होने का समय प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे से रहेगा और चित्रकूट धाम यूट्यूब चैनल एवं आस्था टीवी चैनल पर इसका लाइव प्रसारण होगा।
इस लिंक पर जाकर सुनिए नौ दिन की पूरी राम कथा…. राम कथा