ग्वालियर जेल में बंद मुस्लिम कैदी पढ़ेगा श्रीमद भगवद गीता
ग्वालियर,10 अक्टूबर; मध्य प्रदेश के ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद अपराधी अकील पठान का मानना है कि धर्म विभाजित नहीं करता है, धर्म एकजुट करता है। इसलिए उसने ‘श्रीमद् भगवद् गीता’ पढ़ने का फैसला किया। पठान को एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया। इस मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू धर्मग्रंथ को जानने की इच्छा व्यक्त की है। उसका उत्साह उन लोगों को गलत साबित करता है जो धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित करते हैं।
अकील का कहना है कि सभी धर्म अच्छी चीजों के बारे में बताता है। वह जेल में किताबें पढ़ता है और मुस्लिम होने के नाते, उसकी प्राथमिकता उसके धर्म से संबंधित किताबें रही हैं। लेकिन, अब वह गीता पढ़ेंगे। उसने बताया कि वह गीता में लिख उपदेशों समझने की कोशिश करेगा और अगर उसे पसंद आता है तो उन्हें स्वीकार करेगा। अकील की तरह, अन्य मुस्लिम कैदियों ने भी गीता पढ़ने और नैतिकता को समझने की इच्छा व्यक्त की है। अपने धर्म से अलग सभी कैदियों ने गीता पढ़ने की इच्छा जाहिर की। वर्तमान में ग्वालियर की सेंट्रल जेल में 3,396 कैदी हैं, जिनमें से 164 महिलाएं हैं। महिला कैदियों में 21 बच्चे उनके साथ हैं।