अमृतसर, 13 जुलाई; एक ओर जहा पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है वहीँ दूसरी ओर लोग धर्म, जाति से ऊपर उठकर एक दूसरे की ओर मदद का हाथ बढ़ा रहें हैं।
ऐसी ही मिसाल देकने को मिली अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जहाँ अमृतसर के मुस्लिमों ने स्वर्ण मंदिर में सामुदायिक रसोई गुरु राम दास लंगर को 330 क्विंटल गेहूं दान किया।
जिस पर स्वर्ण मंदिर में इन मुसलमानों का सिखों ने शानदार तरीक़े से स्वागत किया है।
दरअसल मालेरकोटला पंजाब का एकमात्र मुस्लिम बाहुल्य कस्बा है जिनके रिश्ते सिखों के साथ बेहद मज़बूत हैं। साल 1947 में बंटवारे के वक़्त जब पूरा पंजाब जल रहा था, तब उसकी आंच मालेरकोटला तक नहीं पहुंची थी।
यहीं से सिख मुस्लिम सांझा संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर नसीर अख़्तर कहते हैं, स्वर्ण मंदिर में चलने वाले लंगर में हर दिन एक लाख लोग खाना खाते हैं।
डॉक्टर नसीर अख़्तर ने कहा कि एक लाख लोगों को खाना खिलाने वाले लंगर के लिए 330 क्विंटल गेहूं बेहद कम है। लंगर चलाने में किसी तरह की दिक्कत ना आए, इसके लिए और अनाज जुटाने की तैयारी भी चल रही है।
संगठन से जुड़े मोहम्मद परवेज़ के मुताबिक मालेरकोटला के मुसलमानों ने दिल खोलकर गेहूं दान किया और 22 दिनों में 330 क्विंटल गेहूं जमा हो गया।
गेहूं के ट्रकों के दुबई में रहने वाले कारोबारी सुरिंदर पाल सिंह ओबरॉय और तख़्त पटना साहिब के जत्थेदार रंजीत सिंह ने रवाना किया।
मुसलमान जब गेहूं के ट्रक लेकर पहुंचे तो सिखों ने उनका स्वागत किया और लंगर भी खिलाया। आख़िर में विदाई के वक़्त सभी को स्वर्ण मंदिर का चिन्ह भी तोहफ़े के तौर पर दिया गया। यह गेहूं सिख मुस्लिम सांझा फ्रंट पंजाब के प्रमुख डॉ नसीर अख्तर की अगुवाई में लेकर पहुंचे।
गेहूं भेंट करने पहुंचे लोगों को दरबार साहिब के मैनेजर मुखतार सिंह व अतिरिक्त मैनेजर रजिंदर सिंह रूबी ने सम्मानित किया।
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