कबीर की मजार और समाधि पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे। उत्तरप्रदेश के संत कबीर नगर जिल में मगहर में मौजूद संत कबीर की समाधिस्थली को आपसी भाईचारे और बंधुत्व की मिसाल के तौर पर दुनिया में देखा जाता है। पंद्रहवीं शताब्दी के संत कबीर को वैचारिक स्तर पर समाज में रूढ़ियों को तोड़ने वाला माना जाता है। उनके दोहों में ऐसी बातें कहीं गई जो हमारे समाज पर चोट जैसी थी।
LIVE : PM Modi lays foundation stone of Kabir Academy at Maghar, UP. #PMInMaghar https://t.co/J6wubAUmaI
— BJP (@BJP4India) June 28, 2018
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मगहर में 24 करोड़ के शोध संस्थान की नींव रखी जो संत कबीर की शिक्षाओं और ज्ञान पर शोध करके उसे जन-जन तक पहुंचाएगी। नरेन्द्र मोदी ने कबीर के दोहे के जरिए समाज को संदेश दिया, उन्होंने कहा, कबिरा खड़ा बाजार में, चाहत सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती, ना काहूं से बैर….
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये बातें कहीं…
आज मेरी बरसों की कामना पूरी हुई है..
संत कबीर दास जी की समाधि पर फूल चढ़ाने का,
उनकी मजार पर चादर चढ़ाने का, सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मैं उस गुफा में भी गया, जहां कबीर दास जी साधना करते थे: PM
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आज ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा है..
आज ही से भगवान भोलेनाथ की यात्रा शुरु हो रही है।
मैं तीर्थयात्रियों को सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं।
कबीर दास जी की 500वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज से ही यहां कबीर महोत्सव की शुरूआत हुई है: PM
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थोड़ी देर पहले यहां संत कबीर अकादमी का शिलान्यास किया गया है।
यहां महात्मा कबीर से जुड़ी स्मृतियों को संजोने वाली संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा।
कबीर गायन प्रशिक्षण भवन, कबीर नृत्य प्रशिक्षण भवन, रीसर्च सेंटर,
लाइब्रेरी,
ऑडिटोरियम,
हॉस्टल,
आर्ट गैलरी विकसित किया जाएगा: PM— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2018
कबीर की साधना ‘मानने’ से नहीं, ‘जानने’ से आरम्भ होती है..
वो सिर से पैर तक मस्तमौला, स्वभाव के फक्कड़
आदत में अक्खड़
भक्त के सामने सेवक
बादशाह के सामने प्रचंड दिलेर
दिल के साफ
दिमाग के दुरुस्त
भीतर से कोमल
बाहर से कठोर थे।
वो जन्म के धन्य से नहीं, कर्म से वंदनीय हो गए: PM— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2018
वो धूल से उठे थे लेकिन माथे का चन्दन बन गए।
वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए।
वो विचार बनकर आए और व्यवहार बनकर अमर हुए।
संत कबीर दास जी ने समाज को सिर्फ दृष्टि देने का काम ही नहीं किया बल्कि समाज को जागृत किया: PM
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कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े,
“सब मानुस की एक जाति” घोषित किया,
और अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे
ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया।
वे सबके थे, इसीलिए सब उनके हो गए: PM
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ये हमारे देश की महान धरती का तप है, उसकी पुण्यता है कि समय के साथ, समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए समय-समय पर ऋषियों, मुनियों, संतों का मार्गदर्शन मिला।
सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ: PM
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