जैन संत तरूणसागरजी महाराज की सल्लेखना/समाधि के बाद पूरे समाज में शोक की लहर दौड़ गई। सभी ने शोकभाव से अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हें भावभीनीं श्रद्धांजलि दी।
Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
डॉ. प्रणव पण्ड्या, प्रमुख, अखिल विश्व गायत्री परिवार : “क्रांतिकारी राष्ट्रीय संत तरुण सागर जी महाराज का महाप्रयाण पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कमी पूरी नहीं की जा सकती। वे समाज को कड़वे प्रवचन के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाते थे। उन्हें सभी विचारशील लोग आदर के साथ सुनते थे। अगस्त २०१३ में जयपुर में उनसे मिलने का सुअवसर पर मिला, जब उनके स्वहस्त से तरुणक्रांति पुरस्कार से मुझे नवाजा था। उनके साथ बिताए हुए क्षणों की स्मृति आज भी मेरे दिल मैं वैसी ही है। वियोग की इस दु:खद घड़ी मैं यही श्रद्धांजलि दे सकता हूँ कि उनके दिखाये मार्ग और बचे कार्य में जो सहयोग गायत्री परिवार कर सकता है, वह सतत करता रहेगा।”
श्री विवेक मुनि महाराज, विश्व अहिंसा संघ, आचार्य सुशील आश्रम : “क्रांतिकारी राष्ट्र सन्त मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज ने अपनी ओजस्वी बाणी से जिन शासन की अभूतपूर्व प्रभावना की उनका संलेखना पूर्वक समाधि मरण जैन जगत की अपूरणीय क्षति है ।
उनकी आत्मा को सास्वत शान्ति की प्राप्ति हो यही शासन देव से प्रार्थना। युग पुरूष के श्री चरणों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”
युगद्रष्टा, क्रांतिकारी राष्ट्रसंत पूज्य मुनिश्री तरूणसागर जी महाराज का समाधि सल्लेखना पूर्वक देवलोकगमन हम सबके लिए अतीव वेदनादायक है। https://t.co/OvWg30YxH1
— RSS (@RSSorg) September 1, 2018
“Heartily shradhanjali from all SGVP Gurukul Parivar for great divine departed soul of T Sagarji Maharaj saheb: we lost great inspiring personality. This Loss is not for only Jain Dharm but for all Bharat origin religions”
Yours Madhavapriyadas
महापुरुषों का आना और जाना, दोनों ही प्रभु इच्छा से ही होता है।
“आज जैन दिगंबर परंपरा के प्रबल संवाहक, मुनि तरुण सागर जी महाराज के रूप में मात्र 51वर्ष की अल्पायु में एक क्रांतिकारी संत के रूप में जन – जन के हृदय में अपना स्वामित्व स्थापित करने वाले इस भूमंडल का एक चमचमाता सितारा सदा सदा के लिए विलुप्त हो गया है।
संत का शरीर तो मर भी सकता है मगर संतत्व कभी मरा नहीं करता इसलिए मुनि तरूण सागर जी महाराज अपने अमर व्यक्तित्व के कारण सदा सदा उनके भक्तों और जन – जन के हृदय में राज करते रहेंगे।
यद्यपि आपका जन्म जैन परिवार में ही हुआ था और जैन धर्म में ही आप दीक्षित थे बावजूद इसके आपका संपूर्ण दर्शन सार्वभौमिकता लिए प्राणी मात्र के उत्थान के लिए ही होता था। इसलिए आप जैन संत नहीं अपितु एक सच्चे जन संत थे। यही कारण था कि जैन समाज के इतर भी आपको जो प्रतिष्ठा प्राप्त हुई वह शायद ही पूर्व में किसी जैन मुनि को हुई हो।
सत्य को परोसने की आपकी अपनी एक विशेष और विशिष्ट शैली थी। इसी कारण आप प्रथम ऐसे जैन मुनि भी थे जो पूरे विश्व में सर्वाधिक सुने और पढ़े जाते रहे हैं।
भारत की अनेक भाषाओं में प्रकाशित आपकी कालजयी कृति कड़वे प्रवचन ने तो एक साल में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली प्रेरक पुस्तक का भी रिकॉर्ड अपने नाम कर आपकी लोकप्रियता और प्रासंगिकता दोनों को सिद्ध कर दिया था।
आपके द्वारा निर्दिष्ट मार्ग सदैव ही अनेक भूलों – भटकों को जीवन के वास्तविक लक्ष्य की तरफ प्रेरित करता रहेगा। आप जैसे तेजस्वी पुत्र की रिक्तता यह माँ भारती सदा – सदा महसूस करती रहेगी।
आपश्री के चरणों में अश्रु पूरित नेत्रों से नमन करता हुआ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।”
संजीव कृष्ण ठाकुर जी
वृन्दावन
“अखिल भारतीय इमाम संगठन की ओर से तरुणसागर जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करता है, और अल्लाह ताला से दुआ करते है की उनकी आत्मा को शांति मिले” – इमाम उमेर अहमद इलियासी, चीफ उलेमा, अखिल भारतीय इमाम संगठन
पूज्य तरुणसागरजी महाराज ने अभी 1 सितंबर को प्रातः 3.11 बजे अंतिम श्वास ली।उनकी अंतिम संस्कार विधी आज दोपहर 3 बजे तरुणसागरम तीर्थ दिल्ली मेरठ हायवे पर होगी। यात्रा सुबह 7 बजे राधेपुरी से प्रारंभ होकर तरुणसागरम पर पहुंचेगी।अहिंसा विश्व भारती हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। pic.twitter.com/6UgpUBD8HZ
— Acharya Lokesh Muni (@Munilokesh) September 1, 2018
Extremely sad,earn about untimely, unfortunate
Jain Muni #TarunSagar’s passing away,early hours today. He was only 51years old.His short life will always be remembered for his rich contribution to society.Its personal loss to me, having known him very closely,blessed by him— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) September 1, 2018
Saddened to know about the demise of Muni Shri #TarunSagar ji.
An inspirational spiritual leader, he will always be remembered for his rich knowledge and his humanistic outlook.
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) September 1, 2018
#TarunsagarjiSamadhi huge loss to all of us by muni tarun sagarji Nirwanam. His teachings were always guiding society to be on path of satya.we need to rethink of our saints & Gurus n their devotion towards better mankind. Datta padmanabh peeth pray for Sadgati for Munijis soul.
— Sadguru Brahmeshanand Acharya Swamiji (@Sadgurudev_Goa) September 1, 2018
Anguished to learn about the news of passing away of Jain Muni #TarunSagar ji Maharaj. His thoughts and teachings will continue to enlighten people and the society. My prayers are with his disciples and followers.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 1, 2018
Deeply saddened to hear about the demise of Jain Muni #TarunSagar ji Maharaj. With his wise words, he had been a bright guiding light for the society and his teachings will be etched in our hearts forever.
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 1, 2018
#TarunSagar last journey of Jain saint Munishri Tarun Sagar Ji Maharaj from Radhey Puri Delhi to Tarunsagar tirth. Tarun sagar ji died on Saturday morning at 3.18 Am. #tarunsagar #तरुणसागर pic.twitter.com/vQK93Mh1By
— Pradeep (@Pradeep_vision) September 1, 2018