राष्ट्रीय शिक्षक कांग्रेस में दलाई लामा, जग्गी वासुदेव, बाबा रामदेव और आचार्य लोकेश करेंगे शिरकत
नई दिल्ली : भारत का विश्वव्यापी प्रख्यात शिक्षकों के संगम राष्ट्रीय शिक्षक कांग्रेस का आयोजन पुणे में 10 से 12 जनवरी को एम.आई.टी. वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने महाराष्ट्र सरकार व भारत सरकार के अंतर्गत संचालित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से आयोजित किया है। एम.आई.टी. कैंपस में आयोजित तीन दिवसीय कांग्रेस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस, आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य दलाई लामा, जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, योगऋषि बाबा रामदेव, एम.आई.टी. वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष एवं यूनेस्को चेयर होल्डर प्रो. डा. विश्वनाथ कराड अनेक प्रख्यात शिक्षाविद, वैज्ञानिक, राजनेता, पर्यावरणविद, विचारक संबोधित करेंगे। देश विदेश से 8000 से भी ज्यादा शिक्षक एक स्थान पर एकत्रित होकर राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय नेताओं के विचार सुनेंगे और अपने अनुभव साँझा करेंगे। भारतीय शिक्षक जो विश्व के कोने कोने में शिक्षा प्रदान कर रहे है वो भारत में शिक्षा को किस प्रकार से मूल्य परक व बेहतर बनाया जा सकता है इस पर विचार विमर्श करेंगे।
आचार्य लोकेश को एम.आई.टी. वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने ‘विश्व शांति की आधार शिला के लिए मूल्य परक वैश्विक शिक्षा’ पर राष्ट्रीय कांग्रेस को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है। उल्लेखनीय है कि आचार्य लोकेश ने सन 2010 में संयुक्त राष्ट्र संघ में (UNO) में अंडर सेक्रेटरीजनरल लोरिन्जो फ्रांसिस्को की उपस्थिति में अपने पीस एजुकेशन कार्यक्रम को प्रस्तुत किया था| तथा यूनेस्को का भारत सरकार द्वारा आयोजित सम्मलेन में 126 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अपने विचार व्यक्त किये थे |
आचार्य लोकेश शिक्षा के क्षेत्र में अध्यात्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अध्यात्म शिक्षा का अहम अंग होना चाहिए। अध्यात्म का अर्थ है प्राचीन मूल्य जिन्होंने पृथ्वी पर समाज और जीवन का निरंतर पोषण किया है। जो मनुष्य, प्रकृति, पशु, पौधे और साम्राज्यों के बीच सामजस्यपूर्ण अस्तित्व की नींव है जिसमे शामिल है। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना नहीं जो मशीनों की भाषा समझे, शिक्षा प्रणाली ऐसी हो जो संस्कारवान, आध्यात्मिक मनुष्य निर्माण में भी सहयक बने| आचार्य लोकेश ने कहा देश विदेश से समागत उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक, विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु, राजनेता व विश्वविद्यालयों से शीर्ष आधुनिक शिक्षा को किस प्रकार बेहतर बनाया जाये इसपर विचार करेंगे यह देश व समाज के लिए एक महत्पूर्ण कार्य है।