Nirankari Mission की छठी सद्गुरु घोषित की गई सुदीक्षा
लुधियाना। Nirankari Mission के संत बाबा हरदेव सिंह व सत्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज की छोटी बेटी बहन सुदीक्षा निरंकारी मिशन की छठी सत्गुरु व आध्यात्मिक प्रमुख होंगी। सत्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के आशीर्वाद से बहन सुदीक्षा को मिशन का छठा सत्गुरु घोषित किया गया।
इस संबंध में औपचारिक समारोह मंगलवार को दिल्ली में बुराड़ी रोड स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, ग्राऊंड नंबर 8 में प्रात: 11 बजे से सत्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की छत्रछाया में सम्पन्न हुआ। बाबा हरदेव सिंह व सत्गुरु माता सविंदर हरदेव सिंह की 3 बेटियां समता, रेणुका व सुदीक्षा हैं, जिनमें सुदीक्षा सबसे छोटी बेटी हैं।
मई 2016 में कनाडा के मोंटरियल में हुए हादसे में जब निरंकारी बाबा हरदेव सिंह महाराज निरंकार लीन हुए थे, तब हादसे में बाबा जी के सबसे छोटे दामाद व सुदीक्षा के पति अवनीत सेतिया का भी निधन हो गया। कुछ महीने पहले ही दिल्ली में बहन सुदीक्षा जी का फिर से विवाह किया गया है।
जब बाबा हरदेव सिंह जी सड़क हादसे में निरंकार लीन हुए थे, उस वक्त भी पांचवें सत्गुरु के तौर पर बहन सुदीक्षा का नाम काफी चर्चा में आया था। हालांकि बाद में बाबा जी की धर्मपत्नी सत्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने पांचवें सत्गुरु के तौर पर सेवा संभाली थी। सूत्र बताते हैं कि सत्गुरु माता सविंदर हरदेव जी का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा है।
माता जी चाहते थे कि उनके स्वास्थ्य का असर मिशन के प्रचार व प्रसार पर नहीं पड़ना चाहिए, इसलिए मिशन के प्रचार को गतिमान बनाए रखने के लिए ही उन्होंने बहन सुदीक्षा जी को छठा सत्गुरु व आध्यात्मिक प्रमुख घोषित किया है।
1929 में हुई थी मिशन की स्थापना, बाबा बूटा सिंह थे पहले सत्गुरु
संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी। बाबा बूटा सिंह इसके पहले सत्गुरु थे। उनके निरंकार लीन होने पर 1943 में बाबा अवतार सिंह मिशन के दूसरे सत्गुरु बने। बाबा अवतार सिंह ने अपने जीते जी ही दिसंबर 1962 में बाबा गुरबचन सिंह को मिशन के सत्गुरु के तौर पर घोषित कर दिया था।
24 अप्रैल, 1980 को बाबा गुरबचन सिंह की हत्या के बाद उनके बेटे बाबा हरदेव सिंह ने सेवा की जिम्मेदारी संभाली। 13 मई, 2016 को वह कैनेडा के मोंटरियाल में हुए सड़क हादसे में निरंकार लीन हो गए, जिसके बाद सत्गुरु माता सविंदर हरदेव मिशन के पांचवें सत्गुरु बने, जिन्होंने अब अपनी छोटी बेटी सुदीक्षा को Nirankari Mission का सत्गुरु घोषित किया है।