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गाजियाबाद बनेगा शोरमुक्त जिला : एक महीने की साझा मुहिम

गाजियाबाद बनेगा शोरमुक्त जिला : एक महीने की साझा मुहिम

  • No To Honking, No To Noise के लिए जनजागरण अभियान
  • गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस और दीपांकर ध्यान फाउंडेशन की साझा मुहिम
  • हॉर्न के शोर से मिलेगी गाजियाबाद को आजादी
  • एक महीने चलेगा हर दिन जागरूकता अभियान
  • गाजियाबाद को शोर मुक्त बनाने की सबसे बड़ी मुहिम

शोर से हर दिन देश में हजारों लोगों को अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दीपांकर ध्यान फाउंडेशन के प्रणेता स्वामी दीपांकर ने विगत कई सालो से ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ एक मुहिम चला रखी है। धर्म स्थलों से शोर से लेकर चौराहों पर होने वाले अनावश्यक के कोलाहल को कम करने के लिए स्वामी दीपांकर ने आंदोलन छेड़ रखता है। देश के सबसे व्यस्त जिलों में से एक गाजियाबाद के लिए ध्वनि प्रदूषण एक चुनौती है। हर दिन गाड़ियों से होने वाले शोर से ही यहां की जनता परेशान है। हर दिन दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण करने पर ध्वनि प्रदूषण भी एक उभरता कारण बन गया है।

https://twitter.com/swamidipankar/status/943789951442853888

गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस के साथ दीपांकर ध्यान फाउंडेशन ने ध्वनि प्रदूषण की समस्या को मूल से खत्म करने के लिए हाथ मिलाया है। पुलिस और संत समाज ने ऐसी पहल देश के इतिहास में पहली बात की है। सामाजिक बदलाव के इस प्रयास में सभी को जुड़ना और जोड़ना है। ध्वनि प्रदूषण की विकरालता केवल इस बात से समझी जा सकती है कि, भारत के कई शहर अब इसे लेकर कड़े कानून बना रहे है। बच्चों को शोर से कान और दिमाग की दिक्कतें, युवाओं को फोकस और श्वास की समस्या और बुजुर्गों को मानसिक तनाव जैसी बातें ध्वनि प्रदूषण के सीधे प्रभाव है।

हम आज से अगले एक महीने तक हर रोज ध्वनि प्रदूषण के कारणों और निवारणों पर साझा तौर पर काम करेंगे। इसकी शुरुआत हर दिन शहर के किसी व्यस्त चौराहे से होगी, जहां हम लोगों को जाम और भीड़ में शोर को कम करने की बात समझाएंगे। गाजियाबाद को ऩो हार्न जोन बनाने की इस खास अभियान में पुलिस और प्रशासन कानून और सुझाव के जरिए मदद करेगी और दीपांकर ध्यान फाउंडेशन हर दिन सड़क से लेकर स्कूल तक, चौराहों से लेकर चाय की दुकान तक, पार्कों से लेकर पार्किंग तक और आफिस से लेकर आंगन तक इसके लिए लोगों को जागरूक करेगी।

https://twitter.com/swamidipankar/status/943767672155619328

प्रथम चरण में जहां भीड-भाड़ वाली जगहों पर पुलिस और स्वामी के संग लोगों को ध्वनि प्रदूषण कम करने की बात की गुजारिश की जाएगी, वहीं शहर के कोने-कोने में बैनर पोस्टर के जरिए लोगों को सजग किया जाएगा। दूसरे चरण में स्कूलों, कालेजों और सामाजिक संस्थाओं को साथ लाकर सबको गाजियाबाद शोरमुक्त के अभियान में हिस्सेदार और पहरेदार बनाया जाएगा। तीसरे चरण में पुलिस कानून और चालान के जरिए लोगों को ध्वनि प्रदूषण के लिए चेताएगी। स्वामीजी हर दिन हर जगह अनवरत लगे रहेंगे जिससे समाज को एक नए व्यवहार के लिए जल्द से जल्द तैयार किया जा सके।

मीडिया और प्रेस की सक्रियता से इस कार्य को करने में हमें बड़ी मदद और संबल मिलेगा। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस मुहिम को अपना मानकर हर दिन इसकी गतिविधियों को अपने समाचार पत्र और प्लेटफार्म पर जगह दें, जिससे गाजियाबाद देश में इस नई पहल के लिए जाना जाए।

Post By Religion World