अयोध्या फैसले के बाद विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं ने देश की सुरक्षा को लेकर की विशेष बैठक
- माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या मामले पर दिये ऐतिहासिक निर्णय पर हुई चर्चा
- ऐसा फैसला आया कि कोई फासला न आया – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 10 नवम्बर। भारत के सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल जी ने अपने निवास स्थान दिल्ली में अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पश्चात एक विशेष बैठक का आयोजन किया जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, योगगुरू स्वामी रामदेव जी, स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी, स्वामी ज्ञानानन्द जी, स्वामी कमलदास जी महाराज, स्वामी परमात्मानन्द जी महाराज, सैैय्यद नूरी साहब, मौलाना अब्बास जी, मौलाना आरिफ खान साहब, मौलाना कल्बे जव्वाद साहब, मौलाना नसरूद्दीन जी, काज़ी जहीर जी, मौलाना वीर हामिर साहब, महमूद दरियाबादी जी, सहित अन्य कई पूज्य संतों एवं विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं की सहभाग कर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि अनेक वर्षो से जिसका इंतजार था उसका फैसला आया और सबसे अद्भुत बात यह हुई कि कोई फासला न आया ऐसा फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट से सोच-समझ कर फैसला किया। उन्होने कहा कि इसमें कुछ देर अवश्य हुई परन्तु राहत सभी को मिली। कोर्ट ने अपना फैसला दिया लेकिन आप सभी ने मिलकर इन 24 घन्टे में जो कुछ किया उसे कोट किया जायेगा। उन्होने कहा कि कोर्ट को हमेशा कोट किया जाता है परन्तु लोगों को कभी कभी कोट किया जाता है। यहां सभी ने वह किया जिसे सदियों तक कोट किया जायेगा। स्वामी जी ने कहा कि इस फैसले को आने में इतने साल लगे परन्तु इस फैसले ने एक मिसाल कायम की है। यह फैसला एक मिसाल है और यह मशाल बनकर पूरे विश्व को प्रकाशित करेगा। यह तो हमारे वतन से विश्व की यात्रा है। वतन को चमन बनायें रखने के लिये वतन में अमन लाने के लिये इससे बेहतरीन और कुछ नहीं हो सकता।
स्वामी जी ने कहा कि अब हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है अब हमें एक विजन की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने एक नज़ीर पेश की और हमारे देश के यशस्वी और तपस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इस मसले पर जितने बयान आये वह सदियों तक याद करने वाले है और आदरणीय अजीत डोभाल जी ने जो सुरक्षा के इंतजाम किये वह काबिले तारीफ है।
इस अवसर पर स्वामी जी ने विश्व हिन्दू परिषद् को याद करते हुये कहा कि बड़ी साधना की है विश्व हिन्दू परिषद् ने, उन सभी को धन्यवाद देना है जिन्होेने 400 वर्ष की इस साधना हो जिस प्रकार मुकाम पर पहुंचा है उन सभी को अभिनन्दन है। उन्होने कहा कि आज न कोई जीता न कोई हारा, अगर कोई जीता तो इस देश का संविधान जीता, यह हमारा देश जीता, भारत जीता और इस जीत का श्रेय सभी को जाता है। अब हम कुछ ऐसे फैसले करें जो बची हुई दीवारें है उन दीवारों को तोड़े और दरारों को भरते हुये दिलों को जोड़े और एक नई शुरूआत करें। हम एक थे, एक है और एक रहेंगे।
इस अवसर पर श्री सलीम जी ने कहा कि यहां पर अलग-अलग विचारधारा; धर्मों और सम्प्रदाय को मानने वाले, उसके अनुरूप आचरण और प्रतिनिधित्व करने वाले लोग बैठे हुये है। मुझे तो लगता है यही वास्तव में भारत समीक्षा है। उन्होेने कहा कि हम सभी भारत को मजबूत बनना चाहते है परन्तु भारत तभी मजबूत होगा जब इसकी बुनियादें यथा स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा और न्याय ये जो मूल्य है और जो संविधान में मौजूद है, वह सभी धर्मों में भी मौजूद है इन मूल्यों पर हम कायम रहेंगे तो हम एक साथ मिलकर इस देश को गौरव के रास्ते पर ले जा सकते है।
मुझे तो लगता है अयोध्या का एक ऐसा मसला था जिसके कारण लम्बे समय से हमारे देश में एक तनाव का वातावरण था। हम सभी मिलकर यह प्रयास करते रहे कि यह मसला किसी तरह हल हो जायें। आखिरकार माननीय न्यायालय पर हम सभी ने भरोसा किया और लगभग सभी ने कहा कि अब अदालत ही निर्णय देगी वह हम सभी को मान्य होगा। जब हम आपस में कोई मसला नहीं सुलझा पाते हो हमारे लिये अदालत ही सर्वोपरि है अतः जो भी निर्णय हमारे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आया है हम उसका सम्मान और आदर करते है। उन्होने कहा कि हम सभी भारतीय है और इस फैसले का सम्मान करते हुये पीछे देखने के बजाय इस भारत को अमन, शान्ति और न्याय के रास्ते पर ले जाने के बारे में सोचे यही हम सभी को दायित्व है। हमने कहा कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आयेगा वह सर्वोच्च होगा; सब के लिये मान्य होगा और हम उस पर पाबंद है और आगे भी पाबंद रहेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद्, श्री अशोक जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जो फैसला आया विश्व हिन्दू परिषद् उसका समर्थन करता है। उन्होने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है और हम सभी मिलकर सारी मानवता के लिये जो समान कार्य है उस पर चर्चा करें तो बेहतर होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल जी ने कहा कि सभी को धन्यवाद देते हुये कहा कि मुझे प्रसन्नता है इस बात कि की जब बात हमारे देश की सुरक्षा की है तो हम सभी एक साथ और एक नये भारत गढ़ने में सभी का सहयोग है और आगे भी मिलता रहेगा।
इस चर्चा के दौरान सभी ने अयोध्या मामले पर आये ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया और प्रसन्नता व्यक्त की। सभी साहेबान और संतों ने बहुत ही शानदार तरीके से अपनी बात रखी; अपने जज्बात रखे और सभी वतन के लिये वतन की तरक्की और आने वाले समय के लिये इसी तरह के संवाद होते रहे इस पर सब ने जोर दिया यह बहुत ही खुबसूरत बात निकल कर सामने आयी। सभी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सलाम; आदर और सर्वोपरि मानते हुये देश में शान्ति बनायें रखी है।