भुवनेश्वर, 14 जून; ओडिशा के नयागड़ जिले में स्थित पद्मावती गांव के पास से बहती महानदी में हाल ही में करीब 500 साल पुराने एक मंदिर का शिवाला दिखाई देने लगा है.
इस मंदिर के दिखाई देने के बाद से हर कोई काफी अचंभित है. जानकारी के मुताबिक राज्य के नयागढ़ स्थित पद्मावती नदी के पास के गांवों में यह घटना कौतुहल का विषय बनी है.
आसपास रहने वाले लोगों ने जब उन्होंने नदी के अंदर लहरों से टकराते एक मजबूत और भव्य लगने वाली इमारत को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें को यह मंदिर 15वीं या 16वीं सदी का है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में भगवान गोपीनाथ (भगवान विष्णु का रूप) की प्रतिमाएं थीं.
खोजबीन करने पर सामने आया कि इस इमारत का अंश एक समूचा मंदिर था. जो कि भगवान विष्णु को समर्पित था. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के मुताबिक मंदिर करीब 500 साल पुराना है. कुछ साल पहले भी इस मंदिर का शिवाला नदी में पानी कम हो जाने कारण दिखाई दिया था.
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इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की पुरातत्वविदों की टीम ने बताया कि ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच मंदिर का मस्तक साफ दिखाई दे रहा है.
आर्कियोलॉजिस्ट दीपक कुमार नायक ने बताया कि उनकी टीम को इसकी जानकारी मिली थी कि जिस जगह पर अब पद्मावती नदी है वहां पर पहले गांव था और काफी मंदिर थे.
गांव के साथ इन मंदिरों के नदी में समा जाने के कारण यहां की मूर्तियां मौजूदा पद्मावती गांव के मंदिर में स्थानांतरित कर दी गई थीं.
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