मुंबई में राम मंदिर के लिए देवकीनंदन ठाकुरजी ने निकाली पदयात्रा, हजारों लोग हुए शामिल
मुुंबई। राम मंदिर को लेकर देश में कई तरह के आयोजन समय-समय पर होते रहते है। हाल ही में अखिल भारतीय संत समिति से लेकर परम धर्म संसद और दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल धर्म सम्मेलन का आयोजन हुआ। लाखों की संख्या में लोग इनमें शामिल हुए और राम मंदिर बनाने को लेकर माहौल भी बना।
देश के प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुरजी ने भी राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में और अब मुंबई की सड़कों पर हजारों की संख्या में लोगों ने देवकीनंदन ठाकुरजी के आह्वान पर राम मंदिर को लेकर पदयात्रा की।
कथा पंडाल से निकली ये भव्य और विशाल पदयात्रा में लोगों का हुजूम शामिल हुआ। महाराजश्री ने कथा को दौरानम सभी से प्रश्न किया कि राम जरूरी क्यों हैं, उन्होंने इसका बड़ा सुंदर उत्तर देते हुए कहा कि क्या इस देश में आज माताएं बहने सुरक्षित हैं ? और ये असुरक्षा किसकी वजह से हैं। माताओं की वजह से माताएं सुरक्षित नहीं हैं या पुरूषों की वजह से माताएं सुरक्षित नहीं हैं। दहेज के लिए प्रताडित करना, मारना पीटना ये सब कौन करता है, ये पुरूष करता है। लेकिन ये पुरूष इतना पथभ्रष्ट कैसे हो गया ? जिसके यहां मां -बहन भी स्त्रियां हैं और उसी की नजरों में कोई स्त्री सुरक्षित नहीं है। पुरूष के चरित्र का इतना पतन इस वजह से हुआ है क्योंकि आज हमारे देश के युवाओं को धर्म से दूर किया जा रहा है। जब व्यक्ति धर्म से दूर जाता है, राम से दूर जाता है, राम चरित्र से दूर जाता है तो रावण के चरित्र को अपना लेता है और जब रावण का चरित्र अपना लेगा तो फिर कोई मां, बहन, बेटी, भाई, पिता पुत्र कोई सुरक्षित नहीं होगा, सब असुरक्षित हों जाएंगे, समाज असुरक्षित हो जाएगा। भगवान श्री राम सिखाते हैं एक नारी व्रत रखता हूं, अपनी को छोड़कर पराई को माता और बहन समझता हूं, इसलिए राम मंदिर जरूरी है। अगर चाहते हो इस देश में माताएं बहने सुरक्षित हों तो सबसे पहले देश के युवाओं को राम के विषय में समझना चाहिए, राम मंदिर बनाकर राम के उस चरित्र को बताइए कि राम की उस मूर्ति का ही दर्शन करने मत जाइए, एक बार वहां जाकर देखिए कि राम ने जीवन में किया क्या है। आप सब ये समझिए कि जब से इस देश ने राम को भूला दिया तब से ये देश अशांत हो गया।
महाराजश्री ने ये भी कहा कि आज के पाठ्यक्रम में से राम गायब हैं, राम को पढ़ाया नहीं जाता है। झूठी कहानियां पढ़ाई जाती हैं । मैं किसी के भी विरूद्ध नहीं हूं लेकिन कृपया करके अपने धर्म का सम्मान कीजिए। हमारे बच्चें धर्म के विषय में, राम-सीता के विषय में, भरत-लक्ष्मण के विषय में जानेंगे तो माता बहन ही नहीं इस देश में पूरा परिवार सुरक्षित होगा।
मुंबई की सड़कों पर पदयात्रा में मानो राम भक्तों का सैलाब आ गया। हर ओर जयश्री राम के नारे सुनाई दिए।
इससे पहले देवकीनंदन ठाकुरजी ने कानपुर में ऐसी ही पदयात्रा निकालकर संदेश दिया था।
महाराजजी की मुंबई में 6-14 दिसंबर तक भागवत कथा का आयोजन था।