हस्तरेखा ओर संतान
हस्तरेखा ज्योतिष में संतान रेखा से संतान से जुड़ी बातें जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस रेखा का अध्ययन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए।
हम हस्तरेखा के ज्ञान से भी कई बाते भविष्य के बारे में पता लगा सकते हैं, जिससे हमें भविष्य के बारे में कई जानकारी मिलती हैं। हमारे हाथो में कई रेखाएं बनती है, साथ ही इन रेखाओं का अलग अलग महत्व हैं।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि किसी भी जातक के हाथ में बनने वाली सभी रेखाओं का अलग-अलग महत्व बनता है, हाथ की इन रेखाओं के आधार पर जाना जा सकता है कि किसी भी दंम्पत्ति के जीवन में आने वाली संतान बेटा होगा या बेटी होगी।
यहां होती है संतान रेखा सबसे छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहते हैं। इसी बुध पर्वत पर संतान से संबंधित रेखा होती है। इस रेखा की संख्या एक या एक से अधिक भी हो सकती हैं। संतान रेखाएं छोटी-छोटी और खड़ी स्थिति में होती हैं। इस रेखा से मालूम होता है कि व्यक्ति की कितनी संतान होंगी। संतान रेखा से यह भी मालूम हो सकता है कि संतान के रूप में कितनी लड़कियां हो सकती हैं और कितने लड़के हो सकते हैं। इस रेखा का अध्ययन बड़ी ही गहराई से किया जाना चाहिए, क्योंकि ये रेखाएं बहुत ही बारीक होती हैं। गहरी संतान रेखा पुत्र की ओर इशारा करती है, जबकि हल्की संतान रेखाएं पुत्री की ओर इशारा करती हैं। इसी पर्वत पर विवाह रेखा भी होती है, जो कि आड़ी स्थिति में होती है। विवाह रेखा स्पष्ट दिखाई देती है।
ध्यान रखें, बुध पर्वत पर तथा अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं संतान से संबंधित रेखाएं होती हैं। परन्तु इस रेखा के साथ अन्य रेखाओं का एवं हाथ की विशेषताओं का अध्ययन करके ही संतान संबंधित भविष्यवाणी की जा सकती है।
यदि शुक्र पर्वत पूर्ण विकसित और जीवन रेखा घुमावदार हो तो यह संतान प्राप्ति के शुभ संकेत को दर्शाती है। एक महत्वपूर्ण बात यह कि व्यक्ति को कितनी संतानें होंगी, वह उसे कितना सुख देगी, संतान स्वस्थ होगी या अस्वस्थ, पुत्र होगा या पुत्री, यह सब बातें रेखा की मजबूत स्थिति और विभिन्न प्रकार के पर्वतों पर इस रेखा के स्पर्श एवं इसकी स्थिति द्वारा ज्ञात हो सकती हैं।
यदि किसी पुरुष की हथेली में संतान रेखा नहीं है तो इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि उनकी संतान नहीं होगी। अगर पत्नी की हथेली में संतान रेखा है तो संतान सुख मिल सकता है लेकिन संभव है कि बच्चों का लगाव मां से अधिक होगा।
हाथ में विवाह रेखा के ऊपर अगर कोई सीधी खड़ी रेखा बनती है तो इसका मतलब होता है कि होने वाली संतान पुत्र होगा। वहीं अगर विवाह रेखा के ऊपर तिरछी कमजोर रेखा बनती है तो इसका अर्थ होता हैं होने वाली संतान पुत्री होगी।
आपकी हथेली में बुध पर्वत अधिक उभरा है और संतान रेखा स्पष्ट हैं तो आपके चार पुत्र और तीन कन्या संतान होने हो सकती है। आपके बच्चे गुणवान और संस्कारी होंगे।
अगर किसी के हाथ में संतान रेखा साफ साफ स्पष्ट दिख रही है तो ऐसे व्यक्ति अपने बच्चे को बहुत प्यार करने वाली होता है ऐसा व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही ध्यान रखने वाला और स्नेही होता है।
अगर किसी के हाथ में विवाह रेखा के पास पतले हिस्से में अगर कोई द्वीप बन रहा है जो आगे चल कर स्पष्ट हो रहा है तो संतान जन्म के समय थोडी कमजोर होती है लेकिन बाद में स्वस्थ्य हो जाती है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि अगर किसी के हाथ में संतान रेखा के आखिरी में कोई द्वीप का निशान बन रहा है तो ऐसे में पैदा हुए बच्चे का जीवित रहना मुश्किल होता है
हथेली में अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत अधिक उभरा हुआ है तो आपको एक संतान होने की संभावना बनती है।
हस्त संजीवन पुस्तक के अनुसार मणिबंध से लेकर जीवन रेखा तक रेखाओं की गणना द्वारा संतान की संख्या को प्राप्त किया जा सकता है।
यदि मणिबंध की गणना सम संख्या मे आये तो प्रथम संतान कन्या होगी और विषम संख्या मे आये तो प्रथम संतान पुत्र होगा।
विवाह रेखा के ऊपर और हथेली के बाहर की ओर पहली रेखा प्रथम संतान को और दूसरी रेखा द्वितीय संतान को दर्शाती है, यह क्रम इसी प्रकार चलता जाता है।
यदि सीधी रेखा हो तो पुत्र संतान और मुडी़ या झुकी हुई रेखा हो तो कन्या संतान होने को दर्शाती है। यदि प्रथम मणिबंध रेखा अधिक झुकाव के साथ हथेली की ओर प्रविष्ठ हो रही हो तो व्यक्ति को संतान संबंधी दुख प्राप्त कर सकता है। संतान रेखाएं पुरुषों के हाथों से ज्यादा महिलाओं के हाथ में अधिक स्पष्ट होती हैं।
कभी कभी किसी के हाथ में संतान रेखा हल्की बनती हैं जिसे देखने के लिए लैंस का प्रयोग करना पड़ता है, हाथ में बनने वाली संतान रेखा से पता लगाया जा सकता है कि होने वाली संतान बेटा है या बेटी।
किसी भी दंपत्ती को अगर यह जानना है कि उनके जीवन में संतान सुख है कि नहीं तो उनकी हस्तरेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है। इस रेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आने वाले भविष्य में संतान सुख मिलेगा की नहीं और साथ ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि बेटा होगा की बेटी।