राजस्थान, 11 अगस्त; श्वेतांबर जैन समाज में पर्वाधिराज पर्युषण 15 अगस्त से शुरू होंगे। इसके साथ ही तपस्या, धर्म-ध्यान व स्वाध्याय की झड़ी लगेगी। यह पर्व 22 अगस्त तक चलेगा। उसके बाद 23 अगस्त से दिगंबर जैन समाज के पर्युषण शुरू होंगे। कोरोना के चलते धार्मिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं ऑनलाइन होंगी।
पर्युषण का अर्थ है उपासना। यह विभिन्न गुणों से अपने हाथ में स्वभाव को पहचानने एवं शोधन से पूर्ण होती है। इन दिनों जो व्रत नहीं करते हैं वे मिताहार करते हैं तथा कड़वी भाषा नहीं बोलते हैं। पर्यूषण के दौरान मंदिरों में विशेष पूजन भी होगी। इन दिनों श्रावक श्राविकाएं सामायिक के साथ ही स्वाध्याय, अंतगढ़, कल्पसूत्र का वाचन करते हैं। प्रतिदिन शाम को आत्मा के कल्याण के लिए प्रतिक्रमण क्रिया भी होगी।
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दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व में मंदिरों में सुबह 5:00 बजे से पूजा-पाठ, अभिषेक, शांतिधारा एवं दसलक्षण पर्व विधान होंगे। कोरोना को देखते हुए सभी मंदिरों ने अलग-अलग व्यवस्था की हैं।
एक साथ नहीं आने के प्रशासनिक आदेश के चलते कई मंदिरों ने भक्तों को अलग-अलग समय पर बुलाया है, ताकि सोशल डिस्टेंस हो सके। इसके अलावा दिगंबर संत ऑनलाइन कार्यक्रम भी शुरू करेंगे। संत अपने अपने स्थान पर जहां चातुर्मास कर रहे हैं वहां सुबह से पूजा पाठ करेंगे। उसको ऑनलाइन देख कर समाजजन भी अपने घरों में पूजा करेंगे। दिन में ऑनलाइन स्वाध्याय की कक्षाएं होगी तथा शाम को ऑनलाइन प्रवचन होगा।
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