बंगाल में विजयदशमी की धूम, महिलाओं ने सिंदूर खेल खेला
पश्चिम बंगाल में विजयादशमी के दिन भक्तों ने देवी दुर्गा को अंतिम विदाई दी. अगले साल देवी की घर वापसी की कामना के साथ, विवाहित महिलाओं ने पंरापरिक तौर पर ‘सिंदूर खेल’ खेला. बाघबाजार सर्बोजोनिन दुर्गा उत्सव पूजा पंडाल में महिलाओं ने जमकर ‘सिंदूर खेल’ खेला.
महिलाओं ने लाल और सफेद रंग की साड़ियां पहनकर ‘सिंदूर खेल’ के दौरान एक-दूसरे पर जमकर रंग उड़ाया. महिलाओं ने लाल और सफेद रंग की साड़ियां पहनकर ‘सिंदूर खेल’ के दौरान एक-दूसरे पर जमकर रंग उड़ाया. महिलाओं ने मूर्तियों को भी लाल रंग से रंगा.
भक्तों ने देवी दुर्गा और उनके चार बच्चों -लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिक- की कैलाश पर्वत पर अपने निवास से लौटने की कामना की. गौर हो कि पश्चिम बंगाल सरकार ने नोटिस जारी कर दशमी के दिन छह बजे के बाद और एक अक्टूबर मुहर्रम के दिन मूर्ति विर्जसन पर रोक लगा दी थी.
हालांकि कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश को खारिज करते हुए मूर्ति विसर्जन दशहरा से शुरू होकर सभी दिन आधी रात तक जारी रखने की अनुमति दे दी.
देवी के मंत्रों का जप करते हुए भक्त महानवमी पूजा के लिए ‘पुष्पांजलि’ पेश करने के लिए सुबह अपनी-अपनी सामुदायिक पूजा में इकठ्ठा हुए. महाअष्टमी और महानवमी के संगम पर आयोजित संधि पूजा के अंत के बाद पूजा शुरू हुई. दुर्गा पूजा के आखरी दिन मां को पंडाल में रीती-रिवाजों के साथ विसर्जन से पहले सुहागिन महिलाएं सिंदूर चढ़ाती हैं।
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