जहाँ भगवान राम सीता मैया के साथ आज भी करते हैं भ्रमण, जानिए वो जगह
भगवान् राम की जन्मभूमि अयोध्या…… और वहां स्थिति कनक भवन… कनक भवन के विषय में ऐसा माना जाता है कि यह भगवान श्रीराम और देवी सीता का भवन है जिसे माता कौशल्या ने देवी सीता को मुंह दिखाई में दिया था.
यह है भगवन राम और माता सीता का निवास स्थान
अयोध्या में स्थिति साधु सन्यासियों का अनुभव है कि कनक भवन में आज भी भगवान श्रीराम देवी सीता संग भ्रमण करते हैं. इस महल में सबसे कमाल की बात है कि यहां हनुमान जी को भवन के आंगन में स्थान मिला है. इस विषय में कथा है कि भगवान श्रीराम और देवी सीता के भवन में किसी पुरुष को प्रवेश की आज्ञा नहीं थी. लेकिन रामजी के प्रिय भक्त होने के कारण हनुमानजी को उनकी विनती पर यह आज्ञा मिल गई कि वह भवन के आंगन में निवास कर सकते हैं.
इसलिए सामान्यतौर पर आपने देखा होगा कि जहां भी सीता रामजी होते हैं तो साथ में हनुमान जी भी मौजूद रहते हैं लेकिन इस मंदिर के गर्भगृह में राम सीता के साथ हनुमान जी नहीं हैं.
यह भी पढ़ें-भगवान हनुमान की अलग-अलग तस्वीरों के फायदे…
कनक भवन का नवनिर्माण
वर्तमान कनक भवन का निर्माण ओरछा के राजा सवाई महेन्द्र प्रताप सिंह की धर्मपत्नी महारानी वृषभानु कुंवरि ने करवाया है. इन्होंने प्राचीन मूर्तियों के साथ 1891 ई. में मंदिर में दो नए राम सीता के विग्रह की भी स्थापना भी करवाई है. प्राचीन विग्रह के विषय में यह माना जाता है कि भगवान राम और देवी सीता के देहत्याग के बाद उनके पुत्र कुश ने उनकी मूर्ति बनवाकर स्थापित की थी.
एक अन्य कथा
कनक भवन को लेकर एक कथा यह भी है कि अयोध्या नगरी के पराभव के बाद यह भवन जीर्ण हो गया था. कृष्ण अवतार के समय जरासंध वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण जब यहां आए तो उन्होंने मंदिर का फिर से निर्माण करवाया और मूर्तियों को स्थापित करवाया. भक्तों की ऐसी धारणा है कि यहां राम सीता के विग्रह का दर्शन साक्षात् राम सीता के दर्शन के समान फलदायी है.