पोप फ्रांसिस सदियों पुरानी परम्परा को तोड़ते हुए ईस्टर के अवसर पर रविवार को होने वाली प्रार्थना सभा की लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे ताकि दुनिया के 1.3 अरब कैथोलिक ईसाई कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन का पालन करते हुए इस पवित्र दिवस को मना सकें.
एक लाख लोगों की जान ले चुके इस संक्रमण को लेकर भय एवं चिंता के कारण समाज में कई बदलाव आ रहे हैं और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करने के तरीके भी बदल रहे है.
पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर्स बासीलिया में शनिवार को कहा कि ईस्टर का मौका अंधकार के समय में उम्मीद का संदेश देता है.
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उन्होंने मौजूदा समय के भय की तुलना यीशु को सूली पर चढ़ाए जाने के बाद उनके अनुयायियों के दुख से की. पोप ने कहा, ‘हम आज जो अप्रत्याशित त्रासदी अचानक देख रहे हैं, वहीं पीड़ा उन लोगों ने झेली थी.’
इससे पहले, पोप फ्रांसिस ने खाली पड़े सेंट पीटर्स स्क्वायर में गुड फ्राइडे शोभायात्रा की अगुवाई की थी. सेंट पीटर्स स्क्वायर का इस मौके पर यूं खाली रहना हमेशा याद रहेगा.
अर्जेंटीनाई मूल के पादरी, वायरस से अत्यधिक प्रभावित इतालवी शहर की जेल के पांच कैदी और वेटिकन के पांच डॉक्टर एवं नर्स की मौजूदगी में मंच तक पहुंचे.
रोम के आलीशान ढंग से रोशन कोलोजियम (रोमनकाल का बड़ा कलागृह) के आस-पास होने वाला ‘वे ऑफ द क्रॉस’ समारोह 1964 से हर साल आयोजित होता है और आम तौर पर इसमें हजारों श्रद्धालु मौजूद रहते हैं.
वेटिकन की सीमा को सील कर दिया गया है. आमतौर पर ईस्टर संडे के अवसर पर हजारों की भीड़ में श्रद्धालु प्रार्थना सभा में एकत्र होते हैं.
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