जम्मू , 20 जुलाई; माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पुनर्गठन की तैयारी चल रही है। देश के अन्य दूसरे श्राइन बोर्ड की तर्ज पर इसका नए सिरे से गठन होगा। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा बारीदारों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। बोर्ड सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होता है, जो खत्म होने वाला है।
जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को छोड़कर अन्य श्राइन बोर्ड में स्थानीय नुमाइंदों को शामिल किया गया है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में शामिल सभी सदस्य जम्मू-कश्मीर से बाहर के हैं। श्राइन बोर्ड में स्थानीय लोगों को मौका देने की वकालत करने वालों का मानना है कि बाहरी होने की वजह से श्राइन बोर्ड के सदस्य स्थानीय मुद्दों तथा समस्याओं के बारे में विचार नहीं कर पाते हैं।
बताते हैं कि बारीदारों की मांग 30 साल से अधिक समय से चल रही है। पिछले महीनों में राजभवन में आईएएस उमंग नरुला के साथ बारीदारों की बैठक कराई गई थी, ताकि बारीदारों की समस्या का समाधान हो सके। लेकिन, उनके लद्दाख चले जाने से यह मांग परवान नहीं चढ़ सकी। अब दोबारा से प्रयास शुरू किए गए हैं।
गौरतलब है कि 1986 से पहले बारीदार ही माता वैष्णो देवी की देखरेख करते थे। इसके बाद श्राइन बोर्ड अस्तित्व में आ गया था।
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