आध्यात्म द्वारा समाज और मानवता का उत्थान सम्मेलन को राष्ट्रपति ने किया संबोधित
- राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दिल्ली में आयोजित ‘अध्यात्म द्वारा समाज और मानवता का उत्थान’ सम्मेलन को संबोधित किया
- देश के सम्पूर्ण विकास के लिए वर्गों का समानान्तर विकास आवश्यक – राष्ट्रपति
- महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाकर हिंसा मुक्त समाज बनाए – आचार्य लोकेश
नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री राम नाथ कोविंद ने महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती के अवसर पर अपने प्रथम सम्बोधन में कहा कि देश के सम्पूर्ण विकास के लिए सभी वर्गों का समानान्तर विकास आवश्यक है। राष्ट्रपति, अहिंसा विश्व भारती संस्था के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश के सन्निधि मे आयोजित ‘अध्यात्म द्वारा समाज और मानवता का उत्थान’ सम्मेलन को जनपथ स्थित डा. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संबोधित कर रहे थे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता के केंद्रीय मंत्री डा. थावरचंद गहलोत ने भाग लिया।
राष्ट्रपति कोविन्द ने सभागार मे उपस्थित देश विदेश से पधारे विशिष्ठ लोगो से भरे विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुये कहा कि अध्यात्म के मार्ग पर सभी मनुष्य बराबर है। महात्मा गांधी ने भी सभी वर्गों के विकास की बात की। गांधी जी ने किसानों की सेवा की जिनके साथ चम्पारण में भेद-भाव हो रहा था। उन मिल मजदूरों की सेवा की जिन्हें उचित मजदूरी नहीं मिल रही थी, गांधी जी ने ग़रीब, बेसहारा और कमजोर लोगों की सेवा को अपने जीवन का परम कर्तव्य माना। सत्य के साथ, गांधी जी का जितना अटूट नाता रहा है, सेवा के साथ भी उतना ही अनन्य अटूट नाता रहा है।महात्मा गाँधी, अनगिनत भारतीयों की तो आवाज बने ही, लेकिन, मानव मूल्य और मानव गरिमा के लिए, एक प्रकार से वे विश्व की आवाज बन गये थे। उन्होंने ना केवल सेवा पर बल दिया बल्कि उसके साथ जुड़े आत्म-सुख पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने आचार्य लोकेश को बधाई दी कि अहिंसा विश्व भारती संस्था के माध्यम से वो अध्यात्म को समाज सेवा से जोड़कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।
आचार्य लोकेश ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी को समर्पित इस वर्ष में हम देश विदेश में 24 सम्मेलनों का आयोजन करेंगे, जिसका समापन न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय पर होगा। सम्मेलनों के माध्यम से महात्मा गांधी की विचारधारा और शिक्षाओं को पुन: जागृत कर जन जन तक पहुंचाएंगे। उनकी शिक्षाओं को अपनाकर हिंसा मुक्त समाज की संरचना करना हमारा उद्देश्य है। आज हमे धर्म व अध्यात्म को सही परिपेक्ष मे समझने की जरूरत है। आवश्यकता है धर्म को अध्यात्म से जोड़े, उसे समाज सेवा से जोड़े, उसे सामाजिक कुरीतियों को मिटाने का माध्यम बनाए। अध्यात्म का समाज एवं मानवता के उत्थान से बहुत गहरा संबंध है। देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रयत्नशील हैं। देश को विश्व गुरु बनाने के लिए स्वस्थ समाज की संरचना आवश्यक है। स्वस्थ और संतुलित समाज की संरचना महात्मा गांधी का भी सपना था। स्वस्थ समाज की संरचना के लिए आवश्यक है हम स्वच्छता की ओर ध्यान दे, पानी को बचाए, प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनाए और जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते है फिट इंडिया कि ओर ध्यान दें। इस अवसर पर आचार्य लोकेश ने अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा चलाये जा रहे मानववादी कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुये संस्था की पत्रिका आह्वान की प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
केंद्रीय मंत्री डा. थावर चंद गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी की विचारधारा को अपनाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जब बापू की 150वीं जयंती माना रहे है तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित कर रहे है बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे। कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले करके ही आयें। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पायेंगे| महात्मा गांधी जयंती का दिन एक विशेष श्रमदान करें ताकि यह वर्ष एक श्रमदान का उत्सव बन जाए।
राष्ट्रपति का सम्मान श्री अभय कुमार जैन एवं श्री गनपत चौधरी ने शाल के द्वारा एवं डा. अजीत गुप्ता एवं श्री करमजीत धालीवाल ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया। सम्मेलन के सफल आयोजन में अमेरिका से श्री सुभाष ओसवाल, श्री राज कुमार जैन, श्री मनोज जैन, श्री महावीर गोयल, श्री आनंद साहू, श्रीमती विद्या छाबरा, श्री वीर जैन, श्रीमती हीना जैन, श्रीमति केनु अग्रवाल, श्री भव्य श्रीवास्तव, श्री प्रेम प्रकाश गुप्ता, श्री कर्ण कपूर, श्री विनीत कुमार, योगाचार्य कूंदन ने पूर्ण सहयोग दिया। देश के कोने कोने से ही नहीं बल्कि विदेश से भी सम्मेलन मे भाग लेने के लिए अनेक विशिष्ठ लोगो पधारे हैं। मंच संचालन श्री साजन शाह और सुश्री तारकेशवरी मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एवं समापन जी. डी. गोयनका स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रगान से हुआ। हीरालाल जैन सीनियर सेकण्डरी स्कूल के बच्चों ने अनुव्रत गीत प्रस्तुत किया।
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