पुरी शंकराचार्य प्रयागराग कुंभ के इंतजामों से नाराज, जमीन बदलने पर हुए खफा
प्रयागराज में 2019 में लगने वाले कुंभ में पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कुंभ को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट की है।
पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कुंभ मेले में अपने पंडाल के लिए जमीन को आवंटन को लेकर अपनी नारजागी जाहिर की है । प्रयागराज के अपने शिवगंगा में आश्रम में एक प्रेस कॉंफ्रेंस करके सरकार और प्रशासन पर अपमान का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अपने झूंसी के आश्रम में रुककर महत्वपूर्ण तिथियों पर स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रयाग कुंभ का आयोजन पुरी पीठ के अंतर्गत किया जाता है। ऐसा हमारे पुराणों में वर्णित है। इसके बावजूद उन्हें कम जमीन मिली और वह भी ऐसी जगह जहां मेले की गंदगी बहाई जा रही है। यह उनका और उनके पद का अपमान है।
पुरी शंकराचार्य के इस बयान के बाद प्रशासन में हलचल मच गई। दरअसल पहले शंकराचार्य मार्ग पर पुरी पीठ को जमीन आवंटित की गई थी, जिसे कुंभ प्रशासन ने बदलकर बाहर की ओर कर दिया था। बाद में जब पुरी शंकराचार्य महाराज ने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई तो प्रशासन और कमिश्नर आशीष गोयल ने उन्हें इच्छित जगह ही स्थान देने की बात मान ली।
तीर्थराज प्रयागराज में कई संतों का आश्रम रहा है। ऐसे में पुरी पीठ को सही जमीन नहीं मिलने से वे नाराज हैं। उन्होंने समय के साथ कुंभ के स्वरूप बदलने की बात कही। मेेले में शोर की बात को भी कही। शंकराचार्य महाराज ने मेला के झमेले में बदलने की बात भी कही।
सुनिए पुरी शंकराचार्य महाराज को…