7 मार्च 2019 को राहु-केतु के राशि परिवर्तन का प्रभाव
नौ ग्रहों में आखिरी के दो ग्रह राहु और केतु 18 माह बाद 7 मार्च 2019 को नव ग्रह में शामिल राहू-केतु अब राशि परिवर्तन करेंगे। राहू कर्क व केतु मकर राशि को छोड़ कर अपनी उच्च राशि मिथुन व धनु राशि में प्रवेश करेंगे।
अन्य ग्रहों की राशि परिवर्तन की भांति इन ग्रहों का राशि परिवर्तन भी प्रत्येक राशि के जातक के जीवन में कुछ विशेष बदलाव लेकर आता है। इस परिवर्तन स्वरूप प्रत्येक राशि के अनुसार, अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यह दोनों ग्रह लंबे समय बाद अपनी राशिपरिवर्तन करता है। इस प्रकार इनके राशि परिवर्तन का असर जातक के जीवन में लंबे समय यानी डेढ़ वर्ष तक रहता है। राहु और केतु के 7 मार्च 2019 को होने वाले राशि परिवर्तन से जातक को अचानक लाभ, अचानक कष्ट या नुकसान देखने को मिल सकता है।
राहू केतु का परिवर्तन विभिन्न राशियों के व्यक्तियों पर अलग-अलग प्रभाव दिखाएगा। परिवर्तन प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा, तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगी। राहू में जहां शनि के गुण होते हैं तो केतु में मंगल के गुण। पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि 7 मार्च की सुबह राहु-केतु राशि परिवर्तन करेंगे। इसके बाद 23 सितंबर 20 तक यानि 18 माह इन्हीं राशियों में रहेंगे। 7 मार्च 2019 को राहु मिथुन राशि में रात्रि 02:48 बजे गोचर करेगा और फिर 23 सितंबर 2020 को सुबह 05:28 बजे यह मिथुन से वृषभ राशि में जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु का गोचर बहुत ही अहम माना जाता है।
राहु और केतु में हमेशा 180 अंश की दूरी पर रहते हैं। राहु केतु के इस प्रवेश का असर वैसे तो सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन सबसे अधिक कर्क और मकर राशि पर पड़ेगा।
वैसे यहां एक बात अवश्य स्पष्ट दें कि राहु केतु के बदलाव का सभी के कुंडली में व्यक्तिगत रूप से अलग अलग प्रभाव पड़ेगें. इसे सामान्य तौर पर सभी पर लागूं नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए इस लेख में सामान्य रूप से ही राशियों पर क्या-क्या प्रभाव होंगे उसके विषय में बताने का प्रयास किया जा रहा है।
राहु प्रदर्शन कराने वाला होता है. यह गुब्बारे जैसा होता है जो जगह अधिक घेरता है जबकि अंदर कुछ नहीं होता है. राहु ओवर कॉंफिडेंट भी बनाता है जो बाद में समस्या का कारण बनता है।
ओवर कॉंफिडेंस को नियंत्रित करके रखा जाए तो यह व्यक्तित्व का काफी प्रसार करता है।
व्यक्ति बहिर मुखी हो जाता है अपनी बात को सबके सामने रखने में निपुण हो जाता है. वैसे यह भी देखा गया है कि कई बार व्यक्ति को करियर में अच्छी उन्नति भी मिलती है. विज्ञापन, राजनीति, मार्केटिंग सेल्स संबंधित क्षेत्र से जुडे लोगों को इस राहु से लाभ भी होता है।
राहु में थोड़ा भ्रम भी रहता है तो कई बार ऐसा भी हो जाता है कि व्यक्ति के सामने कई रास्ते आ जाएं जिसमें उसको सही चुनाव करना कठिन हो जाए।
कर्क राशि जल तत्व की राशि है और राहु विष, सर्प का फन, बैक्टीरिया माना गया है. जल तत्व में राहु का प्रभाव जल को विषाक्त करने वाला होता है। इसलिए कर्क राशि वालों को अब साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान देना होगा।
फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, कैंसर व आकस्मिक दुर्घटना कराने में मुख्य भूमिका राहु ही निभाते है. कर्क वालों को राहु के कुप्रभावों से बचने के लिए हाइजीएनिक रहना चाहिए।
मानसिक और शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। चंदन के उत्पादों का अधिक प्रयोग करना चाहिए.
राहु सर्प है और चंदन के ऊपर सर्प के विष का प्रभाव नहीं पड़ता है, ‘चंदन विष व्यापत नाहीं लिपटे रहत भुजंग’.कर्क राशि वालो को पीने के पानी की सफाई पर विषेश ध्यान देना चाहिए.
पानी को फिल्टर करके या फिर उबाल कर पीएं. जब तक राहु कर्क में है तब तक पानी में पनपने वाले हानिकारक बैक्टीरिया रोगी बना सकते हैं. बाजार का भोजन, फास्ट फूड, बासी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
राहु जिस राशि के ऊपर संचरण करता है, उस राशि वाले को विष का भय रहता है. विषाक्तता की क्षमता कम या ज्यादा हो सकती है. इसी के चलते कर्क राशि वालों को फूड पाइजनिंग का खतरा भी मंडराता रहेगा. इसलिए फ्रेश भोजन करना ही उपयोगी रहेगा.देखा गया है कि बीमारी में दवा खाने पर रिएक्शन की आशंका भी बढ़ जाती है.
राहु की वजह से किसी प्रकार की एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है. इन दिनों मकर राशि वालों को यूरीन इंफेक्शन होने की आशंका भी बहुत बढ़ जाती हैं. इसके बचाव के लिए साफ पानी अधिक से अधिक पीएं.
राहु विष कारक होता है, इसीलिए कर्क वालों को जंगल या फिर झाड़ी में नहीं जाना चाहिए. कीड़े-मकौड़े और मच्छरों आदि से बचाव करना चाहिए. राहु से मलेरिया भी हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार राहु जिस राशि से गुजरता है वहां पर अपने विष का प्रभाव छोड़ता है.
कर्क राशि वाले को बरसात में यदि कोई कीड़ा काट ले तो अन्य राशि वाले की अपेक्षा उसके पकने की अधिक आशंका रहती है।
यदि कर्क राशि वाले गुटखा या तंबाकू आदि का सेवन करते हों तो तुरंत बंद कर दें, क्योंकि राहु कैंसर का भी कारक होता है.वैसे कर्क राशि वालों को अपने बालों में किसी भी प्रकार की केमिकल डाई नहीं लगानी चाहिए। मेंहदी या फिर अन्य प्राकृतिक संसाधन का ही प्रयोग करना चाहिए। इस समय चंदन का प्रयोग बहुत ही कारगर सिद्ध होता है. चंदन का तेल, चंदन की सुगंध वाला साबुन, पाउडर और परफ्यूम आदि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. राहु से बचाव के लिए चंदन रामबाण साबित होता है।
पौराणिक कथा में राहु काे बगैर धड़ तो केतु को बगैर सिर का बताया गया है। खगोलीय दृष्टि से यह भले ही ग्रह नहीं है। लेकिन ज्योतिष में इनका अन्य ग्रहों के बराबर महत्व है। यह ग्रह वक्री यानि उल्टे चलते हैं। लोगों की जन्म कुंडली में इन्हीं ग्रहों के कारण काल सर्प योग बनता है। राहु केतु का यह परिवर्तन संचार, विचारों और अवधारणाओं को जानने के लिए जिज्ञासा लाएगा और अच्छे परिणाम ला सकता है। बहुमुखी प्रतिभा और मानसिक क्षमता बढ़ाने का यही समय है।
इस 18 महीने की अवधि के दौरान आप अपने बेहतर प्रयासों, संचार और ज्ञान के माध्यम से अपने जीवन में सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। ये ग्रह आपको आपकी आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं। दूसरी ओर यह बेचैनी और आतुरता लाकर अवनत का कारण बनती है
राहु-केतु की शांति हेतु इन उपाय से होगा लाभ
ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि राहु की शांति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। सफेद चंदन का टीका लगाएं। देवी उपासना करें, अष्ट धातु का कड़ा पहने, नीले वस्त्र का दान करें।
इसी प्रकार केतु की शाति के लिए गणेश भगवान की उपासना करें। गणेश भवान को दुर्वा अर्पित करें, लाल चंदन का टीका लगाएं।
कंबल-छाता दान कर गरीबों की मदद करें
कंबल व छाता दान करें, गरीबों की मदद करें। ऐसा करने से ग्रह दोष दूर हो जाएगा और कार्यबाधा दूर हो जाएगी। वहीं इस दौरान सभी जातकों को दान-पुण्य करना चाहिए। जिसमें साधु-संतों के साथ गरीबों को भोजन व वस्त्र दान करने के साथ गायों को हरा चारा खिलाना चाहिए, जिससे विशेष लाभ मिलता है और भगवान कृष्ण की कृपा अपने भक्तों पर हमेशा बनी रहती है।
राहु का इन राशियों पर पड़ेगा यह प्रभाव—
मेष – धन लाभ के योग बनेंगे, भाग्य साथ देगा। उपायः बुधवार की शाम को तिल का दान करें।
वृषभ – व्यय बढ़ेगा, यात्राएं अधिक होगी। अचानक धन हानि हो सकता। इसलिए कहीं पर धन निवेश करने और लेनदेन में सावधानी बरतें।
उपायः रविवार को भैरव देव के मंदिर में काले रंग का ध्वज चढ़ाएं।
मिथुन – मतिभ्रम, मन में दुविधा की स्थिति पैदा होगी और काम में बाधांए आ सकती हैं। शत्रु वृद्धि होगी। उपायः काले रंग का कंचा अपनी पॉकेट में रखें।
कर्क – उदर रोग, धन व्यय होगा। खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी। कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या हो सकती है। उपायः महाकाली एवं भैरव देव की आराधान करें।
सिंह – शुभ, लाभ और कीर्ति मिलेगी। इस राशि के जातकों के लिए राहु और केतु का यह राशि परिवर्तन लाभकारी होगा। मान सम्मान बढ़ेगा।
उपायः कुत्तों को खाना खिलाएं।
कन्या राशि- लाभ के योग हैं। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उपायः श्री राम रक्षा स्तोत्र का जाप करें।
तुला राशि- छोटे भाई बंधुओं को कष्ट हो सकता है। तुला राशि के यह परिवर्तन सामान्य से कमजोर रहेगा। उपायः इस मंत्र का जाप करें: ॐ दुं दुर्गाय नमः !
वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट और दुविधा की स्थिति देखनी पड़ सकती है। उपायः शनिवार को दोपहर 12 बजे से पहले नीले वस्त्र दान करें।
धनु राशि- इस राशि के जातकों में दामपत्य प्रेम बढ़ेगा। उपायः राहु-केतु की शांति के लिए अनुष्ठान करें।
मकर राशि- आपके लिए राहु और केतु का राशिपरिवर्तन शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला होगा। उपायः “ॐ राम रहावे नमः!” मंत्र का जाप करें।
कुंभ राशि- पुत्र या पुत्री के कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। बाधांए दूर कराने के लिए किसी जानकार विद्वान या विशेषज्ञ से सलाह लें। उपायः सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) को चिड़ियों को खिलाएं।
मीन राशि- इस राशि के जातकों को अगले डेढ़ साल तक घरेलू कलह और कष्ट देखने को मिल सकता है। उपायः शनिवार के दिन ज़रुरतमंद लोगों को कंबल दान करें।
केतु का प्रभाव
मेष: वाद विवाद, कष्ट, बाधा
वृष: रोग, शोक, हानि विकार
कर्क: उन्नति, सफलता, शुभ
सिंह: भ्रम, उलझन, श्रम
कन्या: ऋण, रोग आशंति
तुला: मान, यश, श्रम
वृश्चिक: धनहानि, खिन्नता
धनु: हानि, पीड़ा, भय
मकर: विश्वासघात, हानि, रोग
कुंभ: धन लाभ, शुभसमाचार मिलेंगे।
कुम्भ : मान सम्मान प्राप्त होगा
- ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री, उज्जैन