राहु मंगल का अंगारक योग
पिछले डेढ़ वर्ष से राहु सिंह राशि में गोचर कर रहा था जो कि अब 18 अगस्त 2017 को राशि परिवर्तन कर कर्क राशि में प्रवेश कर गया ।
18 अगस्त को सुबह 5 बजकर 53 मिनट पर कर्क राशि में गोचर हो चुका है। वैसे तो राहु और केतु को व्यक्ति के बुद्धि को भ्रमित कर देने वाले छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है, जिसके कारण जीवन में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन होता है, हालांकि यह हमेशा अशुभ नहीं होता है बल्कि कई बार शुभ परिणाम भी देता हैं.
सबसे महत्वपूर्ण यह हैं कि 18 वर्ष बाद 18 अगस्त 2017 (शुक्रवार) को राहु सिंह राशि से कर्क राशि में प्रवेश हुआ है. इससे पूर्व 18 दिसम्बर 1998 में राहु ने कर्क राशि में प्रवेश किया था।
राहु का राशि परिवर्तन करना तो ज्योतिषीय गणनाओं में बहुत महत्वपूर्ण घटना होती ही है पर यहां जो एक विशेष स्थिति बन रही है वो यह है के 18 अगस्त को राहु का कर्क राशि में प्रवेश होगा तथा मंगल पहले से ही अपनी नीच राशि कर्क में गोचर कर रहा है जिससे 18 अगस्त को राहु के कर्क में प्रवेश करते ही कर्क राशि में राहु और मंगल का बन जायेगा जो कि 27 अगस्त तक बना रहेगा, 27 अगस्त को मंगल के सिंह राशि में आने पर राहु मंगल का नकारात्मक योग समाप्त होगा, राहु मंगल के योग को ज्योतिष में एक विध्वंसकारी और नकारात्मक योग माना गया है।
मंगल और राहु दोनों ही क्रोधी प्रवृति और उठा पटक कराने वाले ग्रह हैं, मंगल को दुर्घटना, एक्सीडेंट्स, वाद विवाद, क्रोध, आर्ग्यूमेंट्स, अग्निदुर्घटना आदि का कारक माना गया है तथा राहु आकस्मिकता, आकस्मिक घटनाएं, षड़यंत्र, मतिभ्रम आदि का कारक है इसलिए राहु और मंगल का योग बनने पर दुर्घटनाओं और वाद विविद की घटनाओं में वृद्धि होती है और उठा पटक का वातावरण उत्पन्न होता है।
जरुर पढें – अगस्त 2017 की भविष्यफल
18 अगस्त से 27 अगस्त के बीच दस दिनों के लिए कर्क राशि में राहु और मंगल का योग बनने से इस दस दिनों में सड़क दुर्घटना, अग्नि दुर्घटना, वाद विवाद, आर्ग्यूमेंट्स में वृद्धि होगी और वातावरण में तथा आम मानस के व्यव्हार में भी क्रोध बढ़ेगा, असमसजिक तत्वों द्वारा अशांति उत्पन्न करना और आतंकवादी घटनाओं की भी सम्भावना होगी, इसलिए 18 अगस्त से 27 अगस्त तक के दस दिनों में कुछ विशेष सावधानियां बरतें –
अपने व्यवाहर पर नियंत्रण रखें आर्ग्युमेंट्स को एवॉइड करें और विवादों से बचें, कोई भी वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखें, विरोधियों के प्रति सचेत रहें, प्रॉपर्टी आदि की खरीददारी या लेनदेन इन दस दिनों में न करें, और विशेष रूप से अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें तथा व्यर्थ के विवादों से बचे.
जानिए किन राशियों के व्यक्ति रखे विशेष सावधानी
राहु मंगल के इस दस दिन के योग का नकारात्मक प्रभाव वैसे तो सभी को प्रभावित करेगा पर विशेष रूप से मेष, कर्क, सिंह और धनु राशि के व्यक्तियों के लिए यह ग्रहस्थिति अधिक समस्याकारक होगी और इसमें भी बहुत विशेष रूप से कर्क और धनु राशि वालो के लिए यह योग सर्वाधिक संघर्षकारी होगा
क्योंकि राहु मंगल का यह योग कर्क राशि में ही बन रहा है जिससे यह राशि सर्वाधिक प्रभावित होगी इसके अलावा यह योग धनु से आठवीं राशि में बनने के कारक धनु राशि के जातकों के लिए भी यह अधिक कष्टकारक है।
मेष राशि के जातकों के लिए विशेषतः गृहक्लेश और पारिवारिक विवाद उत्पन्न होंगे इसलिए आर्ग्यूमेंट्स से बचें और विवादों को बड़ा रूप ना दें.
कर्क राशि के जातकों के लिए उनके क्रोध में वृद्धि होगी और स्वास्थ में उतार चढ़ाव आएगा इसलिए अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और स्वास्थ समस्याओं के प्रति सचेत रहें,
सिंह राशि के जातकों के लिए धन खर्च बढ़ेगा, धन हानि की सम्भावना होगी इसलिए इस समय में आर्थिक लेनदेन में विशेष सावधानी बरतें,
धनु राशि के जातकों के लिए स्वास्थ समस्याएं, एक्सीडेंट या चोट आदि की सम्भावना होगी इसलिए धनु राशि के व्यक्ति विशेष रूप से वाहन चलाने में सावधानी रखें और विवादों से बचें।
————
अपनी राशि के अनुसार रखें ये सावधानी
मेष राशि– गृहकलेश और पारिवारिक विवाद से बचें।
वृष राशि- छोटे भाई बहनो से बहस करने से बचें।
मिथुन राशि- आर्थिक लेनदन में सावधानी और वाणी पर नियंत्रण रखें।
कर्क राशि- अपने क्रोध को नियंत्रित रखें, व्यव्हार में संयम बरतें।
सिंह राशि- आर्थिक लेनदेन में सावधानी रखें, व्यर्थ धन खर्च से बचें।
कन्या राशि- बड़े भाई बहनो से बहस करने से बचें।
तुला राशि- ऑफिस में सीनियर्स और बोस से आर्ग्यूमेंट्स करने से बचें।
वृश्चिक राशि- महत्वपूर्ण कार्यो और निर्णयों में सावधानी बरतें।
धनु राशि- वाहन चलाने में सावधानी रखें।
मकर राशि- वैवाहिक जीवन में विवाद करने से बचें।
कुम्भ राशि- विरोधियों से सचेत रखें।
मीन राशि- संतान पक्ष के साथ बहस से बचें, शेयर आदि में इन्वेस्ट न करें।
राहु मंगल योग के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए सहायक होंगे ये उपाय
- हनुमान चालीसा और संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें।
- साबुत उड़द का दान करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
पं. दयानंद शास्त्री
डिस्क्लेमर – ये गणनाएं ज्योतिष विद्या के अनुसार की गई हैं। इसके असर और उपाय के प्रभाव को लेकर रिलिजिन वर्ल्ड किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।