ब्रह्माकुमारीज की प्रमुख बनी राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी
आबू रोड, 30 मार्च, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी के देहावसान के बाद संस्थान की नेतृत्व संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी करेंगी। यह फैसला ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मैनेजमेंट कमेटी निर्णय लिया गया। इसके साथ ही संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बनाया गया है तथा संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी को बनाया गया है।
राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी संस्थान के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग तथा सांस्कृतिक प्रभाग के अध्यक्ष का भी दायित्व है। दादी का जन्म 1 जुलाई, 1926 हैदराबाद पाकिस्तान के सिंध में हुआ था। संस्थान में 9 वर्ष की उम्र में ही आ गयी और तबसे लेकर आज तक पीछे मुडक़र पीछे नहीं देखा। दादी हृदयमोहिनी ने माउण्ट आबू आने से पहले यूपी के लखनउ तथा दिल्ली में भी ईश्वरीय सेवायें करती रही हैं।
दिव्य दृष्टि का वरदान: राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी को दिव्य दृष्टि का वरदान है। वे ईश्वरीय संवाहक तथा परमात्म मिलन भी कराती रही है। इनके शरीर के माध्यम से ही परमात्म शिव का मिलन होता रहा है। इन्हें संदेशी भी कहा जाता है। इनके बचपन का नाम शोभा था परन्तु संस्थान में आने के बाद प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने इनका नाम गुलजार रखा। लेकिन जब ईश्वरीय अवतरण प्रारम्भ हुआ तो नाम दादी ह्दयमोहिनी पड़ा। ओम मंडली के प्रारम्भ से ही संस्थान से जुड़ी रही और बाद में अपना सबकुछ सर्वस्व समपर्ण कर दिया।