नयी दिल्ली, 22 नवम्बर; उच्चतम न्यायालय में राम मन्दिर/बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मुकदमे में रामलला के हक में फैसला दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं का दल अपने मुवक्किल का दर्शन करने के साथ उन्हें ‘सुप्रीम फैसले’ की प्रति भी सौंपेगा।
उच्चतम न्यायालय में विराजमान रामलला के पक्ष से केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के.परासरण शुक्रवार को प्रभु राम की नगरी अयोध्या पहुंच जाएंगे। उनके साथ आने वाले उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं के दल में पी.एस. नरसिंहा, विक्रमजीत बनर्जी, सी. वैद्यनाथन और रंजीत कुमार जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय से पहले उच्च न्यायालय में विराजमान रामलला की ओर से मुदकमा लड़ने वाले या फिर इसमें सहयोगी की भूमिका में रहे अधिवक्ता भी समारोह में आएंगे। इनमें यूपी के महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह व उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ प्रमुख हैं। उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय में अपने मुवक्किल विराजमान रामलला के लिए केस लड़ने वाले अधिवक्ताओं का यहां कारसेवक पुरम में 23 नवम्बर को आयोजित समारोह में अभिनन्दन किया जाना है।
वहीं दूसरी ओर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में बुधवार (20 नवंबर) रात को बैठक हुई। जिसमें मौलाना महमूद मदनी की ओर से जारी प्रेसनोट में कहा गया कि अयोध्या प्रकरण में जो लोग पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रहे हैं, उसका कोई फायदा नहीं होना हैं, लेकिन जमीयत पुनर्विचार याचिका का न तो विरोध करेगी और न ही समर्थन करेगी।
वहीं, ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चे ने अयोध्या मामले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले की आलोचना करते हुए गुरुवार (21 नवंबर) को कहा कि बोर्ड की बातों में विरोधाभास है और इस मुद्दे पर काफी सांप्रदायिक राजनीति हुई। लिहाजा इसे खत्म कर देना चाहिए।