नयी दिल्ली, 22 अप्रैल; केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं केंद्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने रमजान के पवित्र महीने में सभी धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन करने एवं लोगों को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत आदि करने को कहा है।
नकवी ने बीते बृहस्पतिवार को देश के 30 से ज्यादा राज्य वक्फ बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों के अंतर्गत सात लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें, ईदगाह, दरगाह, इमामबाड़े एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थल हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश (शिया एवं सुन्नी), आंध्र प्रदेश, बिहार (शिया एवं सुन्नी), दादर एवं नागर हवेली, हरियाणा, कनार्टक, केरल, मध्यप्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, असम, मणिपुर, राजस्थान, तेलंगाना, अण्डमान एवं निकोबार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखण्ड, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तराखंड आदि के वक्फ बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों का सहयोग किया जाना चाहिए। ये लोग अपनी जान हथेली पर लेकर जन स्वास्थ्य-सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।
क्वारंटाइन, आइसोलेशन सेंटरों को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों को ध्वस्त किया जाना चाहिए एवं लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें बताना चाहिए कि ऐसे केंद्र लोगों को, उनके परिवार और समाज को किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए हैं।’
उन्होंने सभी राज्य वक्फ बोर्डों, धार्मिक – सामाजिक संगठनों से कहा कि फेक न्यूज एवं भड़काऊ बातों और अफवाह फैलाने वाले साजिश- षड़यंत्र से होशियार रहना चाहिए। देश में बिना भेदभाव सभी नागरिकों की सेहत सलामती के लिए काम हो रहा है।
इस तरह की साजिश- षड़यंत्र, कोरोना के खिलाफ देश की सामूहिक जंग को कमजोर करने की कोशिश है। सभी को सजग और सचेत हो कर एकजुटता के साथ ऐसी साजिशों, दुष्प्रचार, अफवाहों को परास्त कर कोरोना के खिलाफ इस जंग में विजय हासिल करनी है।
24 अप्रैल से शुरू हो रहे रोजा
आपको बता दें कि 24 अप्रैल से हिजरी कैलेंडर का पवित्र माह रमजान शुरू हो रहा है जो 23 मई 2020 तक चलेगा। आमतौर पर इस मौके पर रोजेदार मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ इफ्तार पार्टी आयोजित करते हैं।
लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए चल रहे लॉकडाउन पर पहली बार लोग अपने घरों में नमाज पढ़ेंगे। पहली बार रमजान के मौके पर दुनिया के कई देशों में बंदी देखने को मिल रही है।
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