रमजान विशेष: आज से शुरू हैं रोज़े, जानिए इस मुबारक महीने से जुड़ी ख़ास बातें
आज से रमजान का पवित्र माह शुरू हो रहा है. रमज़ान इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना होता है. मुस्लिम समुदाय में महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है. रमजान के महीने को नेकियों यानि सद्कार्यों का महीना भी कहा जाता है, इसीलिए इसे मौसम-ए-बहार बुलाते हैं. इस पूरे महीने में मुस्लिम संप्रदाय से जुड़े लोग अल्लाह की इबादत करने में ध्यान लगाते हैं. इस महीने में वे खुदा को खुश करने और उनकी कृपादृष्टि पाने के लिए पूजा, व्रत के साथ, कुरआन का पाठ और दान धर्म करते हैं.
जानिए इस माह से जुडी ख़ास विशेषताएं
इस महीने की सबसे बड़ी खासियत है अल्लाह द्वारा दी हर नेमत के लिए उसका शुक्र अदा करना. इसीलिए जब महीना गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर आता है तो उसे मनाने में विशेष आनंद आता है.
इस महीने दान पुण्य के कार्यों कर इस महीने की विशेषताएं
- इस महीने की सबसे बड़ी खासियत है भगवान की दी हर नेमत के लिए अल्लाह का शुक्र अदा करना. इसीलिए जब महीना गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर आता है तो उसे मनाने में विशेष आनंद आता है.
- इस महीने दान पुण्य के कार्यों करने को प्रधानता दी जाती है. इसीलिये इस मास को नेकियों और इबादतों का महीना कहा जाता है.
- मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार इस महीने की 27वीं रात शब-ए-क़द्र को क़ुरान का नुज़ूल यानि अवतरण हुआ था. यही कारण है इस महीने में क़ुरान पढना बेहद शुभ होता है.
- इस माह हर रात तरावीह की नमाज़ में कुरान का पाठ किया जाता है. जो लोग कुरान पढ़ नहीं सकते वे इसे सुन कर पुण्य लाभ ले सकते हैं.
- रोजों के दौरान सूर्योदय से पहले ही निर्धारित समय में जो कुछ भी खाना पीना है उसे पूरा कर लिया जाता है जिसे सहरी कहते हैं. इसके बाद दिन भर न कुछ खाते हैं न पीते हैं. इसके बाद शाम को सूर्यास्त के बाद एक तय समय पर रोज़ा खोलतें हैं और तभी कुछ खाते पीते हैं. इस समय को इफ़्तारी कहते हैं.