रामलीला विशेष: यहाँ हनुमान जी की एंट्री होते ही हो जाता है रामलीला का समापन
नवरात्री के दौरान रामलीला का दौर जोर शोर से चल रहा है. रामलीलाओं को लेकर तमाम मिथक सामने आते रहे हैं। ऐसा ही एक गांव है जहां जब हनुमान जी की एंट्री होती है तो रामलीला का समापन कर दिया जाता है। इस गाँव का नाम है द्रोणागिरी गाँव. ऐसा इसलिए क्योंकि, उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में स्थित द्रोणागिरी गांव के ग्रामीण आज भी रामभक्त हनुमान से नाराज हैं। गांव में बजरंग बली की पूजा नहीं होती है।
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रामलीला का मंचन होने पर लीला में जब हनुमान जी की एंट्री होती है तो रामलीला बंद हो जाती है। मान्यता है कि त्रेता युग में जब लक्ष्मण मूर्छित हुए थे तो हनुमान संजीवनी बूटी लेने द्रोणागिरी गांव आए थे और गांव के पास द्रोणागिरी पर्वत का एक हिस्सा उखाड़ कर ले गए थे। गांव के लोग मानते हैं कि हनुमान उस समय उनके द्रोणागिरी पर्वत देवता की दाहिनी भुजा उखाड़ कर ले गए थे। इस गांव में राम भक्त हनुमान की कभी पूजा नहीं होती है।ग्रामीण गांव के पास स्थित द्रोणागिरी पर्वत को ‘पर्वत देवता’ के रुप में पूजते हैं। कहा जाता है कि त्रेता युग में जब राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तो सुशैन वैद्य के कहने पर रामभक्त हनुमान संजीवनी बूटी लेने के लिए द्रोणागिरी गांव पहुंचे थे। तब संजीवनी बूटी की पहचान नहीं होने से वे द्रोणागिरी पर्वत के एक बड़े हिस्से को ही उठाकर ले गए थे। तब से ग्रामीण बजरंग बली हनुमान से नाराज हैं। गांव में हनुमान की पूजा नहीं होती है