रिलिजन वर्ल्ड प्रथम वर्षगाँठ विशेष : जो अहिंसा से युक्त हो वही धर्म है- भीष्म पितामाह
अपनी बात रखने से पहले एक महाभारत कालीन युधिष्ठिर और भीष्म पितामाह के बीच का संवाद बताना चाहती हूँ –
जब युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से पूछा धर्म क्या है तो उन्होंने उत्तर दिया था, जिससे अभ्युदय (लौकिक उन्नति) और नि:श्रेयस (पार लौकिक उन्नति-यानी मोक्ष) सिद्ध होते हों वही धर्म है. धर्म अधोगति में जाने से रोकता है और जीवन की रक्षा करता है. धर्म ने ही सारी प्रजा को धारण कर रखा है. इसलिए जिससे धारण और पोषण सिद्ध हों, वही धर्म है.
जो अहिंसा से युक्त हो वही धर्म है. भीष्म द्वारा धर्म के इस विश्लेषण का मंतव्य है कि जो संतुलन बनाए रखे, वही धर्म है. यह धर्म जब अशक्त हो जाता है तभी अन्याय, अनीति, दुष्कर्म बढ़ते हैं और सज्जन लोगों को कष्ट सहने पड़ते हैं.
इसी तरह वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि विज्ञान मनुष्य को अपरिमित शक्ति तो दे सकता है, पर वह उसकी बुद्धि को नियंत्रित करने की सामर्थ्य नहीं प्रदान कर सकता है. मनुष्य की बुद्धि को नियंत्रित करने और उसे सही दिशा में प्रयुक्त करने की शक्ति तो धर्म ही दे सकता है.
रिलिजन वर्ल्ड के साथ जब मैं जुडी तब धर्म मेरे लिये आस्था का विषय तो था लेकिन साथ ही कुछ नकारात्मक विचार भी थे जो विभिन्न संप्रदायों के मतभेद के कारण दिमाग में बैठ चुके थे. लेकिन पिछले एक साल में न सिर्फ धर्म के प्रति मेरी विचारधारा बदली बल्कि धर्म के सकारात्मक रूप दिखाई दिए.
रिलिजन वर्ल्ड ने आम आदमी का धर्म के प्रति सोचने का नजरिया बदला. रिलिजन वर्ल्ड 12 धर्मों की जानकारी देनी ऐसी एकमात्र वेबसाइट है जहाँ धर्म के प्रति अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर ज़रूर मिलेगा.
व्यक्तिगत रूप से अगर मुझसे पुछा जाए तो मैंने रिलिजन वर्ल्ड से जुड़कर बहुत कुछ सीखा और अपने काम को एन्जॉय भी किया फिर चाहे वो योगा सीरीज हो या ध्यान की सीरीज़. धर्मगुरुओं से लिए साक्षात्कार में धर्म के प्रति उनके नए नज़रिए को देखने का मौका मिला. सभी धर्मगुरुओं ने सर्वधर्म समभाव की बात पर जोर दिया.
जब रोहिंग्या मुसलमानों का केस चल रहा था उस समय रिलिजन वर्ल्ड ने दिखाया कैसे खालसा पंथ ने शिविर लगाकर मदद की. इसके अलावा अपने पाठकों से कई चीज़ों से रूबरू भी कराया जैसे नवरात्रों में कैसे मुस्लिम हिन्दुओं की मदद करते हैं या रमजान के दौरान हिन्दू और सिख मस्जिद का निर्माण कराते हैं. या फिर कहाँ पर एक मुस्लिम माता का मंदिर है. सोचिये कहाँ नज़र आ रहा है आपको वैमनस्य.
रिलिजन वर्ल्ड जिस मकसद से शुरू किया गया था वेह उसके काफी करीब पहुँच चूका है इस एक साल में. और पाठकों का सहयोग रहा तो हम आगे भी आपको निराश नहीं करेंगे और धर्म की अलग ही तस्वीर आप सबके सामने पेश करेंगे .
shweta@religionworld.in
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