परमार्थ निकेतन में रिस्पना नदी के पुनर्जीविकरण के संबंध में बैठक
- रिस्पना और बिन्दाल के लिये कार्य करने का लिया संकल्प
- जीवन को बेहतर गुणवत्ता युक्त बनाने के लिये करना होगा क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज का निर्माण-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में आहूत बैठक में विभिन्न संगठनों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों,
- ईको टास्क फोर्स एवं संस्थानों ने किया सहभाग
ऋषिकेश, 20 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में रिस्पना नदी की पुनर्जीविकरण के लिये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। जिसमें ईको टास्क फोर्स, कर्नल श्री एच एस राणा, कचरा प्रबंधन के बैंगलोर से आये विशेषज्ञ श्री लक्ष्मण शास्त्री, मेंकिग ए डिफरेंस के संस्थापक श्री अभिजय नेगी तथा उनके टीम के अनेक सहयोगी, अन्य संस्थाओं के अधिकारी एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभूतियों ने सहभाग किया।
इस बैठक में नगर निगम देहरादून, जिलाधिकारी आफिस, सिंचाई विभाग, पेयजल विभाग, सरकार, सेना, सरकारी एवं सामाजिक संस्थायें, शिक्षण संस्थायें, संत, उद्योग जगत, नारी शक्ति, जनसमुदाय, युवा शक्ति एवं जिन सब का सरोकार है उन सभी को मिलकर कार्य करने पर विशद योजना बनायी गई। एफआरआई एवं सीएसआर के साथ भी आगामी बैठक का प्लान बनाया गया उसके लगभग दो सप्ताह के पश्चात माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी के साथ विचार-विमर्श कर इस पूरी कार्ययोजना को बनाकर मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।
इस बैठक में स्वच्छता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। विशेष रूप से शौचालय निर्माण, वृक्षारोपण रिस्पना के दोनों किनारों पर सभी मौसम में आने वाले फलदार पौधे, फुलदार पौधे, बेलाओं एवं लताओं का रोपण किया जायेगा ताकि वहां पर मिश्रित जंगल का रूप दिया जा सके। साथ ही वहां पर जैविक खाद का ही प्रयोग करने पर योजना बनायी गई। नदी के दोनों किनारों पर जो खेती है उन कृषकों को जैविक खेती के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा एवं इसके लिये उन्हे सहयोग भी किया जायेंगा। साथ ही सीवर को टेप करने, गीले एवं ठोस कचरे का निस्तारण, प्लास्टिक का निस्तारण एवं अन्य स्वच्छता सम्बंधी विषयों पर चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनायी गई एवं विभिन्न विभागों को इस हेतु कार्यो का वितरण भी किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’रिस्पना पहले ऋषिपर्णा के नाम से जानी जाती थी यह देहरादून की धरोहर है अगर अभी उस पर कार्य नहीं किया गया तो वह इतिहास में तबदिल हो जागेगी। विश्व की सभी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर ही हुआ है। रिस्पना का भी देहरादून के विकास में बड़ा योगदान रहा है आज अगर हमंे गंगा को बचाना है तो पहले रिस्पना का पुनर्जीविकरण करना ही होगा; रिस्पना और बिन्दाल पर कार्य करना होगा; पहले रिस्पना और फिर बिन्दाल में प्राणवान बनाना होगा। स्वामी जी ने कहा कि मानव जीवन को बेहतर गुणवत्ता युक्त बनाने के लिये क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज का निर्माण करना होगा और उसके लिये नदियों का पुर्नजीवन प्रदान करना होगा।’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में सभी ने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न ही और संकल्प लिया कि सभी मिलकर मन से रिस्पना और बिन्दाल के लिये कार्य करेंगे। इस अवसर पर कर्नल श्री एच एस राणा, श्री अभिजय नेगी, श्री विनोद बगियाल, करण कपूर, विशाल पान्डे, राहुल गुरू, सुरेन्द्र पान्डे एवं अन्य उपस्थित थे। स्वामी जी ने उपस्थित सभी पर्यावरण प्रेमियों को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।