रोटेरियंस वार्षिक कार्यक्रम वर्ष 2019-20 : डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया सहभाग
- रोटेरियंस वार्षिक कार्यक्रम वर्ष 2019-20
- परमार्थ निकेेतन की डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया सहभाग
- ’डेयर टू सर्व’ विषय पर डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने दिया उद्बोधन
- ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर, डेयर टू ड्रीम इंस्टीट्यूट, इंदौर में रोटेरियंस वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन
ऋषिकेश, इंदौर, 8 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी को रोटेरियंस वार्षिक कार्यक्रम वर्ष 2019-20 में डेयर टू सर्व’ विषय पर उद्बोधन हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर, डेयर टू ड्रीम इंस्टीट्यूट, इंदौर में किया गया।
इस कार्यक्रम में भारत, श्रीलंका और नेपाल में रोटरियंस द्वारा किये गये कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी, दी गयी। रोटरी संगठन में भारत के व्यापार जगत तथा पेशेवर लोग शामिल है। रोटरी क्लब का आदर्श वाक्य है ’स्व से उपर सेवा’ इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होने वर्ष 1985 में प्लस पोलियो कार्यक्रम की स्थापना की थी। उसके पश्चात रोटरी सदस्यों ने दुनिया के 122 देशों में 2 बिलियन से अधिक बच्चों के टीकाकरण में मदद की तथा प्लस पोलियो मुक्त दुनिया के निर्माण हेतु 1.2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का योगदान दिया। साथ ही रोटरी, विश्व स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय परियोजनाओं तथा अन्य मानवीय कार्यक्रमों में अपना उत्कृष्ट योगदान प्रदान कर रहा है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने रोटरी के अन्तर्राष्ट्रीय (इंटरनेशनल) अध्यक्ष श्री मार्क मैलोनी, रोटरी के अगले अन्तर्राष्ट्रीय (इंटरनेशनल) अध्यक्ष श्री शेखर मेहता जी और कार्यक्रम संयोजक श्री भरत पंड्या जी को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
साध्वी जी की श्री मार्क मैलोनी और शेखर मेहता जी के साथ बैठक हुई जिसमें उन्होने ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, परमार्थ निकेतन और रोटरी दोनों संस्थायें मिलकर भारत में स्वच्छता, स्वच्छ जल, महिला सशक्तिकरण तथा मासिक धर्म स्वच्छता के लिये मिलकर कार्य करने हेतु चर्चा करते हुये कहा कि दोनों संस्थाएं मिलकर कार्य करे तो इस कार्य को वृहद स्तर पर किया जा सकता है तथा इसका लाभ अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।
जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य ही है अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है। लक्ष्य सबके अलग-अलग हो सकते है किसी का स्व उन्नति, किसी का सेवा, तो किसी का साधना या आध्यात्मिक उन्नति। जब हम लक्ष्य की ओर बढ़ते है तो उसेे प्राप्त करने में बहुत सी बाधााओं का सामना भी करना पड़ सकता है कई बार वहां तक पहुंचने का रास्ता डरावना भी हो सकता है परन्तु सतत आगे बढ़ते रहने पर हर रास्ता, लक्ष्य तक ले जाता है। साध्वी जी ने कहा कि अपने सपनों तक वे ही लोग पहुंच पाते है जिनका मनोबल मजबूत होता है। दूसरा सबसे जरूरी है धैर्य और धैर्य के मामले में एडिसन का धैर्य ऐतिहासिक था, उसने 10,000 विफल प्रयोग करने के पश्चात बल्ब बनाया था। यह धैर्य और निरंतरता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
साध्वी जी ने कहा कि जीवन तो यही है कि सपने देखो और आगे बढ़ो तथा जो बदलाव आप दुनिया में लाना चाहते हो उसके लिये पहले अपने आप को तैयार करे। उन्होने कहा कि भारत के पास संस्कारों का अनमोल खजाना है जो हर भारतवासी को धरोहर के रूप में मिला है उन संस्कारों के साथ जीवन में आगे बढ़े और बिना डरे अपने लक्ष्य को प्राप्त करे। अपने जीवन के हर क्षेत्र को विकसित करे और उसमें आने वाले हर रोड़े को अपनी सीढ़ी बनाये तो सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होगी़।
साध्वी जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने भगवत गीता के माध्यम से कर्मयोग का संदेश दिया है। अक्सर लोग अपने लिये सोचते है परन्तु रोटेरियंस अपनों के लिये सोचते है। भगवान कृष्ण ने गीता के माध्यम से हवन की बात कही है साथ ही उन्होने जीवन यज्ञ का संदेश दिया, अपने जीवन को यज्ञ बनाने का संदेश दिया तथा यज्ञ का मंत्र भी है कि ’इदम नमम्’ मेरे लिये नहीं बल्कि सभी के लिये, इसी मंत्र के साथ हमें जीवन में आगे बढ़ना होगा। उन्होने कहा कि मैं यहां भारत में हूँ यह मेरे लिये वरदान है। यहां आकर मुझे माँ गंगा और पूज्य स्वामी जी के संरक्षण में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ इसे मैं ईश्वर का आशीर्वाद मानती हूँ। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने श्री मार्क मैलोनी और शेखर मेहता जी को परमार्थ गंगा आरती और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
डाॅ श्री भरत पंड्या जी ने कहा कि रोटरी दुनिया के सबसे बड़े अतंराष्ट्रीय मानवीय सेवा संगठनों में से एक है। रोटरी के हम सभी सदस्य मिलकर मानव समुदाय को बेहतर बनाने के लिये स्वयंसेवक की तरह सेवा कार्य करते है। इस अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, रोटरी इंटरनेशनल डायरेक्टर, डाॅ भरत पंड्या जी तथा भारत, नेपाल और श्रीलंका के रोटेरियंस ने सहभाग किया है। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने रोटेरियंस को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।