सद्गुरु की कृपा से होता है जीवन का नवनिर्माण – डॉ चिन्मय पण्ड्या
- शांतिकुंज ने निकाली गुरु महापर्व पर भव्य रैली, एक माह चलने वाले वृक्षारोपण का शुभारंभ
हरिद्वार 26 जुलाई। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज ने तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महापर्व के दूसरे दिन गुरुसत्ता को समर्पित भव्य रैली निकाली, तो वहीं एक माह तक देश भर में वृहत् स्तर पर चलने वाले वृक्षारोपण का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आये गायत्री साधकों ने अपने घर, आंगन व पार्कों में वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया।
महापर्व पर आयोजित सत्संग को संबोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि मानव जीवन के नवनिर्माण सद्गुरु की कृपा से ही संभव है। शिष्यों का सद्गुरु के प्रति श्रद्धा, भावना, भक्ति उसे आगे बढ़ने हेतु मार्ग प्रशस्त करता है। डॉ. चिन्मय ने प्राचीन महान् गुरु परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि विवेकानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस के आशीष व मार्गदर्शन से देश-विदेश में भारतीय संस्कृति का पताका लहराया था। उसी तरह गायत्री परिवार विश्व के कोने-कोने में सद्गुरु पूज्य आचार्यश्री की कृपा व मार्गदर्शन से भटकाव भरी जिंदगी में आशा की किरण जगाया है। आज दुनिया गायत्री परिवार की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। सद्गुरु की कृपा से युवा पीढ़ी सकारात्मक, रचनात्मक व सुधारात्मक कार्यों की ओर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि साधना, उपासना एवं आराधना के माध्यम से आंतरिक शक्ति का जागरण किया जा सकता है। हमें सद्गुरु की पावन सत्ता में सदैव श्रद्धा व विश्वास रखना चाहिए। सद्गुरु ही शिष्य को निखारता है।
इससे पूर्व गुरुसत्ता को समर्पित भव्य रैली को व्यवस्थापक श्री शिवप्रसाद मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शांतिकुंज पहुँचने पर रैली का महिला मण्डल प्रमुख यशोदा शर्मा एवं ब्रह्मवादिनी बहिनों ने आरती कर स्वागत किया। ऋषियुग्म की पावन समाधि के पास पहुंचकर रैली सभा में परिवर्तित हो गयी। इस दौरान उपस्थित पीतवस्त्रधारियों ने उनके संकल्पनाओं को पूरा करने की शपथ ली।
दोपहरकालीन सभा में श्री केपी दुबे ने वृक्षारोपण को एक पुनीत कर्त्तव्य बताया। वरिष्ठ कार्यकर्त्ता व प्रज्ञा अभियान के संपादक श्री वीरेश्वर उपाध्याय ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से गुरु-शिष्य के संबंध को उकेरते हुए कहा कि जिस किसी ने भी सच्चे मन से युगधर्म को निभाया है, उसे गुरुसत्ता ने निहाल कर दिया है। देसंविवि के कुलपति श्री शरद पारधी, डॉ. ओपी शर्मा व केन्द्रीय जोनल समन्वयक श्री कालीचरण शर्मा ने गुरुसत्ता की महिमा पर विचार व्यक्त किये।