Post Image

सलमान खान की जन्मकुंडली : करियर, प्रसिद्धि, विवाद और जेल

क्या कहते हैं सलमान खान की जन्म कुण्डली के सितारे ?

सलमान खान-27 दिसम्बर 1965 (सोमवार)

जन्म समय-11:45 AM  (सुबह/दोपहर पूर्व )

जन्म स्थान – इंदौर

सलमान खान का जन्म 27 दिसंबर 1965 को हुआ। जन्म के समय की सूर्य राशि के अनुसार वह एक उच्च सम्मान एवं आर्थिक संपन्न है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सूर्य, सलमान की कुंडली में जिस स्थान पर बैठा है उसके प्रभाव से वह सल्लू को दीर्घसूत्री बनाता है।यहाँ दशम भाव में सूर्य, धनु राशि में स्थित हैं | सलमान खान का जन्म धनिष्ठा नक्षत्र वृष के नामांश व कुंभ राशि में हुआ। इनकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है। यह महादशा सलमान खान की कुंडली में 19 साल तक चलेगी। सलमान की कुंडली में यह महादशा साल 2003 से शुरू हुई थी जो कि साल 2022 तक चलेगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की कुंडली में चंद्र जिस स्थान (12 वे भाव में) पर विराजमान है वह हर सुख प्रदान करता है। सुंदर शरीर का साथ देता है। चंद्र जिस राशि पर स्थित है वह सलमान को कभी-कभी कानूनी परेशानी में डाल देता है। यहाँ चंद्र और शनि की युति कुम्भ  राशि में स्थित होकर विष योग बनती हैं |
मंगल के कारण पराक्रम में एवं सुख में अद्वितीय होते हुए भी ऐश्वर्य का सुख नहीं भोग पाता। कही-कहीं उलझन में फँस जाता है। बुध की कुंडली में स्थिति सलमान को राजनीति में सफलता दिला सकती है। अपनी छवि को बनाए रखने के लिए हमेशा अपने इष्‍ट की आराधना करते रहना चाहिए। कुंडली में गुरु की स्थिति (सुख भाव/चतुर्थ भाव में) सुंदर शरीर के साथ आकर्षक व्यक्तित्व भी देती है। कुंडली में स्थित शनि बहुत महत्वाकांक्षी बनाता है।सलमान खान की कुंडली के सप्तम स्थान का स्वामी शुक्र मंगल के प्रभाव में हैं। शुक्र ग्रह विवाह का मालिक माना जाता है। कुंडली में शुक्र और मंगल का एक साथ होना सलमान की लाइफ में आकर्षण तो बढ़ा रहा है लेकिन विवाह की स्थितियां नहीं बना रही है। शुक्र और मंगल में अग्नि तत्व अधिक हैं। इसलिए सलमान के विवाह की स्थितियां नहीं बन पा रही है। बृहस्पति मजबूत होने के कारण सलमान के इतने अफेयर रहे। कुंडली में प्रेम तो है लेकिन राहु और शुक्र के प्रभाव के कारण सलमान प्रेम के मामले में नाकाम हो जाते हैं।
इनके जन्म के समय की सूर्य के उच्च प्रभाव होने से वे बॉलीवुड में ये उच्च स्थान को हासिल करेंगे। उन्हें चंद्रदशा सुख-सौभाग्य देगा लेकिन मंगल का प्रभाव उन्हें विभिन्न बाधाओं से घेरे रह सकता है। शनि की महादशा होने से इन्हें अपयश का भी सामना करना पड़ सकता है । केतु के प्रभाव से इनकी अभिनय क्षमता प्रभावित होगी और मानसिक असंतोष की वृद्धि होगी। इनके यश-लाभ में कमी आएगी लेकिन स्थिति सामान्य बनी रहेगी। मंगल तथा केतु उच्च भाव में होने से सलमान के साथ इस साल अकारण विवाद हो सकता है और परिस्थितियां विपरीत हो सकती है।
01.  सलमान खान की चंद्र राशि कुम्भ  हैं . 12 राशियो में कुम्भ राशि के जातक सबसे ज्यादा खूबसूरत माने जाते है जो कि सलमान है ही उन्हें दुनिया के सात खूबसूरत आदमियों में शुमार किया जा चुका ही है.
02.—  3 सरे स्थान में राहु बैठा हैं,वृषभ  साथ ही माना जाता है कि 3 सरे स्थान में राहु बैठने के वजह से बार-बार प्रेम प्रकरणों में असफलता मिलती है जैसा कि उनके साथ हुआ भी है| राहु और मंगल मिलकर अंगारक योग भी निर्मित कर रहे हैं |शुक्र भी राहु से पीड़ित /दृष्ट हैं |
03.–  04 थे स्थान में बैठे देवगुरु वृहस्पति एक धार्मिक/दयालु/आध्यात्मिल/साधु प्रकृति के साथ साथ संपन्न और फेमस घर में जन्म की ओर संकेत करता है |
04.–छठे भाव के स्वामी बुध की केतु के साथ अष्टम भाव में युति इनकी कुंडली में विवादों में फसने और जेल जाने का योग बना रही हैं।
05.  ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वृषभ राशि में बैठा राहू कठोर वाणी और कुटुंब/परिवार की ओर संकेत करता है. कई बार इनको अपनी बयानों के वजह से विवादों का समाना करना पड़ा हैं. लेकिन आठवें स्थान में बैठा हुआ बुध और केतु  उनकी बेहतरीन  कन्वर्सेशनल स्किल की तरफ इशारा करता है जो कि डायलॉग डिलेवरी और उनके बेहतरीन होस्ट बनने के लिए लाभदायक पोजीशन है. बिग बॉस और दस का दम जैसी शोज़ की सक्सेस इसका बेहतरीन उदाहरण हैं।राहू जिस भाव में बैठा है वह धनवान बनाता है। प्रबल विरोधी भी राहू के कारण परास्त‍ हो जाते हैं।
06.–इनकी कुंडली में नवमेश गुरु और पंचमेश सूर्य का परस्पर दृष्टि में होना एक बड़ा राज-योग बनाता है।
07.–सलमान का जन्म मंगल की महादशा में हुआ है। जिसका भोग्यकाल 4 वर्ष 8 माह 20 दिन का रहा। वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है, जिसका भोग्यकाल 23-05-2003 से 23-05-2022 तक रहेगा। शनि, कर्मक्षेत्र का मालिक है , हालाँकि  उसके बाद बुध की दशा होगी जो की केतु के साथ है स्वास्थ्य के दृष्टि कोण से बिलकुल ठीक नहीं , ये योग मानसिक तनाव का बड़ा कारण भी बनता है , फिर भी उम्मीद है सलमान अपनी  सकारात्मक विचारधारा से विपरीत परिस्थितियों पर भी काबू पा लेंगे।

क्यों रहते हैं विवादों में –  
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार सलमान खान की जन्म कुंडली में सितारों का उतार-चढ़ाव ज्यादा है।
Salman Khan का जन्मांक (psychic no) है 9,  भाग्यांक (life path)  6 और नामांक है 3, 9 के प्रभाव ने उन्हें अत्यधिक ऊर्जा दी जिसे उन्हें काम के साथ साथ अपने शरीर को आकर्षक बनाने में लगाया, इस अंक का सम्बद्ध कई बार विवादों से भी रहता है , 9 ने उन्हें भी समय समय पर दुष्प्रभाव दिखाया और विवादों से जोड़ा, कई बार अपने विवादस्पद वाणी से तो कई बार क़ानूनी उलझने , भाग्यांक 6 जो शुक्र का अंक है उसने बेतहाशा चमक और सफलता प्रदान करी।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार शनि और मंगल दोनों की गिनती पाप ग्रहों में होती है। कुंडली में इनकी अशुभ स्थिति भाव फल का नाश कर व्यक्ति को परेशानियों में डाल सकती है, वहीं शुभ होने पर वे व्यक्ति को सारे सुख दे डालते हैं। शनि व मंगल परस्पर शत्रुता रखते हैं। इसीलिए यदि किसी कुंडली में ये दोनों ग्रह साथ-साथ हों, चाहे शुभ भावों के स्थायी क्यों न हो, जीवन को कष्टकार बनाते ही हैं। ये ग्रह जिस भी भाव में साथ-साथ हो (युति में) या सम सप्तम हो (प्रतियुति) भावजन्य फलों की हानि ही करते हैं।  शनि-मंगल युति-प्रतियुति जीवन में आकस्मिकता का समावेश कर देती है। वैवाहिक जीवन, नौकरी, व्यवसाय, संतान, गृह सौख्य इनसे संबंधित शुभ-अशुभ घटनाएँ जीवन में अचानक घटती हैं। अचानक विवाह जुड़ना, अचानक प्रमोशन, बिना कारण घर बदलना, नौकरी छूटना, कार्यस्थल या शहर-देश से पलायन आदि शनि-मंगल युति के आकस्मिक परिणाम होते हैं।
दशम भाव में स्थित सूर्य और उस पर गुरु की मजबूत दृष्टि ने एक सफल पिता की  संतान होने का गौरव दिया साथ ही अत्यन्त प्रबल भाग्य दिया ,गुरु की दशा प्रारम्भ होते ही 1989 में “Maine Pyar Kiya” से उन्हें बड़ी सफलता मिली , गुरु “महाभाग्य योग” निर्मित कर रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सलमान खान को शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। बजरंगबली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है। सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की आज (शुक्रवार–06  अप्रेल 2018  को) भी गोचर में राहु लग्न में गोचरस्थ हैं | छठे भाव में चंद्र,शनि और मंगल की युति तनाव/विष योग की स्थिति बना रही हैं | 07 अप्रेल 2018  (रविवार को) शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा और बुध की प्रत्यंतर दशा आरम्भ होगी, इसलिए फिलहाल सलमान को जमानत मिलने की सम्भावना बहुत कम बनती हैं |
यह होता हैं 12वे भाव में कुम्भ राशि स्थित चंद्र -शनि युति (विष योग) का प्रभाव–
 
कुण्डली में शनि और चन्द्रमा की युति या परस्पर सम्बन्ध से यह योग बनता है । शनि और चन्द्रमा दोनों विपरीत स्वभाव के ग्रह हैं । शनि उग्र हैं, चन्द्रमा शीतल और सौम्य हैं । जहाॅं शनि अपनी अत्यन्त धीमी गति के लिए जाने जाते हैं वहीं चन्द्रमा अपनी दु्रत गति के लिए विख्यात हैं । विद्वानों के मतानुसार रावण ने क्रोध में शनि को उनकी दार्यीं टांग पकडकर इतनी जोर से पटका था कि शनि अपंग हो गये, जिससे उनकी चाल धीमी हो गयी और उसी दिन से उनका नाम शनिश्चर पडा ।
चूंकि विष योग में दो पूर्णतयाः विपरीत स्वभाव के ग्रहों का संयोग होता है, अतएव जीवन में उथलपुथल मची रहती है । दशा-अन्तर्दशा में जब शनि का प्रभाव बढता है तो जातक समय पर उचित निर्णय नहीं ले पाता है और जब चन्द्रमा का प्रभाव बढता है तो निर्णय जल्दी ले लेता है जो अधिकतर गलत सिद्ध होता हैं । इस तरह जातक की निर्णय करने की क्षमता दुर्बल हो जाती है ।
यदि शनि और चन्द्रमा की युति में पाॅंच अंश यानि डिग्री से कम की दूरी हो, तब यह योग बहुत बुरा प्रभाव डालता है और मानसिक व भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर कर सकता है ।
नाम के अनुसार जातक के जीवन में विष का भी प्रभाव दिखाई देता है । ऐसे जातक की विषाक्त भोजन से बीमार पडने की आशंका रहती हैं । विष योग का आठवें और तीसरे भाव से सम्बन्ध हो तो जातक स्वयं ही विष खाकर आत्महत्या का भी प्रयास कर सकता है । कुण्डली में सर्पयोग भी हो तो सर्पदंश की भी आशंका बनी रहती है । स्वप्न में भी साॅंप पीछा नहीं छोडते । अन्य कीडे या पशु भी काट सकते हैं । शल्यचिकित्सा भी करवानी पड सकती है । घाव भी देर से भरते हैं ।
इन सभी दोषों के बावजूद विष योग के कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं । यह योग यदि शुभ भाव में हो तो जातक धैर्यवान, ठंडी और धीर प्रकृति का होता है और ऐसे स्वभाव के कारण जहाॅं भी उठता बैठता है अपनी एक अलग पहचाना बनाता है । यदि गुरू की दृष्टि हो तो विष योग के दुष्प्रभावों को सहकर जातक और अधिक मजबूत व्यक्तित्व लेकर उभरता है । ऐसे जातकों को मानसिक अवसाद का भी डर रहता है परन्तु शुभ ग्रहों की दृष्टि से जातक ऐसी बीमारियों से भी उबर जाता है। ऐसा जातक ठोकर खाकर सीखने वालोें में से होता हैं ।
चन्द्रमा का प्रभाव होने के कारण जातक का कैरियर काफी परिवर्तनशील रहता है । ऐसे जातक को कैरियर के लिए कला, लेखन या यात्रा के क्षेत्र का चुनाव करना चाहिए । सफल लेखकों व विचारकों की कुण्डली में यह योग पाया जाता हे ।
ऐसा जातक अधिकतर बहुमुखी वर्सेटाइल होता है जिसमें विभिन्न विधाये या गुण देखने को मिलते हैं । ये किसी एक शौक या काम से बंधकर नहीं रहता । किसी एक काम में सफल न हों तो हार नहीं मानता और दूसरे किसी गुण या शौक में डूब जाता है ।
वर्तमान में सलमान की वर्ष कुंडली के स्वामी बृहस्पति इनकी राशि से भाग्य स्थान में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं। अप्रलै माह के उतर्राध में राशि स्वामी शनि भी लाभ घर में वक्री हो रहे हैं। इस लिहाज से कुछ समय सलमान के लिये कष्टदायी बने रहने के आसार हैं। आगामी समय में राज्य अधिकारियों के साथ इनके वाद-विवाद की संभावनाएं बढ़ रही हैं। हो सकता है किसी विवाद या अधिकारियों से अनबन या विरोध के कारण कार्यक्षेत्र में बाधाएं भी उत्पन्न हों। लेकिन सलमान खान के प्रशंसकों को ज्यादा निराश होने की आवश्यकता नहीं है ग्रहों के फेर से सलमान खान की किस्मत फिर से एक नई करवट ले सकती है।
यह था सलमान की कुंडली का विश्लेषण जो कि चंद्र कुंडली पर आधारित था.जिसके आधार पर उनके करियर और व्यकितगत जीवन विवादों और प्रेम संबंधो के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया गया ।
पंडित दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
Post By Religion World