लखनऊ,7 मार्च; नवाबो के शहर लखनऊ में शुक्रवार को ब्रज की होली खेली गई। 51 किलो टेसू के फूल से तैयार गीले रंग से भगवान का अभिषेक किया गया तो संतों और श्रद्धालुओं ने एक कुंतल गुलाल और पांच कुंतल फूलों से होली खेली। चौक सब्जी मंडी स्थित उदासीन अखाड़े के महंत धर्मेन्द्र दास की अगुआई में फाल्गुन की पहली होली संतों ने खेली। सुबह पूजन अनुष्ठान के बाद शाम को मंदिर परिसर होरियारों के गुलाल और फूलों से सराबोर हो उठा। इस दौरान वृंदावन के कलाकारों ने राधा-कृष्ण के प्रसंग भी पेश किए।
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चौक बड़ी संगत में बाबा विचार दास ने अपने गुरु बाबा मंगलदास की पुण्य स्मृति पर 1892 में एकादशी पर संतों की होली की परंपरा की शुरुआत की थी। उदासीन अखाड़े के महंत धर्मेंद्रदास की अगुवाई में सबसे पहले बाबा विचार दास की प्रतिमा को अबीर गुलाल अर्पित कर होलिकोत्सव की औपचारिक घोषणा की गई। इस दौरान पितरों को भी होलिकोत्सव का प्रथम रंग अर्पित किया गया। ब्रह्मदेव की गद्दी पर अबीर गुलाल चढ़ाया जाएगा। दोपहर में हवन भी हुआ। इस दौरान अनुराग मिश्रा समेत अन्य मौजूद रहे।
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देवी हिंगलाज भवानी को अर्पित किया गुलाल
नगर की अधिष्ठात्री देवी हिंगलाज भवानी को श्रद्धालुओं ने होलिकोत्सव का प्रथम अबीर गुलाल अर्पित किया। वहीं, होलिकोत्सव की महाआरती के बाद गुरु श्रीनानक देव के बेटे भगवान श्रीचंद का भी पूजन मंदिर परिसर में किया गया। इस दौरान पंडित ईशान अवस्थी की अगुआई में सरस भजन संध्या हुई। श्रद्धा तिवारी के संयोजन में बृज से आए चंदू रस्तोगी के दल ने फूलों की होली पेश की। इस दौरान आईएएस अमित मिश्रा, एके पाण्डेय, वंशीधर मिश्रा, राजेश सूर्यमंडल, चेतना पाण्डेय, श्यामजी अग्रवाल समेत अन्य मौजूद रहे।
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