“संस्कारोदय” में साकार हुई सनातन संस्कृति
जन-जन के आराध्य गोविंददेवजी की नगरी में विप्र फाउंडेशन की ओर से संस्कारोदय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउंड में हुए इस कार्यक्रम के दौरान दो दिन तक संस्कृत, संस्कृति और संस्कारों के साथ ही गाय, गंगा और राष्ट्र निर्माण के महत्व की झांकी भी साकार हुई।
सैंकड़ो बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार – वैदिक रीति-रिवाज से 108 बटुकों ने यज्ञोपवीत ग्रहण किया। आयोजन के पहले दिन बटुकों ने पंचाग पूजन भी किया। विप्र फाउंडेशन इन सभी बटुकों को सनातन संस्कृति के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करेगा। यज्ञोपवीत हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में शामिल प्रमुख संस्कार है।
देशभर के संत-महंतों का सम्मेलन- कार्यक्रम के दूसरे दिन विशाल संत समागम का भी आयोजन किया गया जिसमें देशभर के साधु-संत शामिल हुए। ‘संस्कारोदय से ही राष्ट्रोदय’ विषय पर धर्मगुरुओं और प्रमुख संतों ने अपना संबोधन दिया।शिवबाड़ी बीकानेर के महाराज संवित सोमगिरी ने संस्कृत को दुनिया की श्रेष्ठ भाषा बताया।
गौ और गंगा हैं पूज्यनीय – रैवासा धाम के राघवाचार्य ने गाय और गंगा को पूज्यनीय बताया। दूसरे साधु-संतों ने भी गौमाता के धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व के साथ ही विकास की प्रक्रिया में योगदान पर भी चर्चा की। सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाएं युवा- संतों ने युवा पीढ़ी को भी संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहकर उन्नति की राह पर आगे बढ़ने का संदेश दिया।
धर्माचार्य, राजनीतिक हस्तियां और समाजसेवी हुए शामिल- कार्यक्रम में साधु-संतों के साथ ही राजनीति और प्रशासनिक जगत की दिग्गज हस्तियां भी शामिल हुईं। समारोह में सांसद महेश गिरि, पूर्व सांसद महेश जोशी, जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा और कई विधायक एवं आयोगों के प्रमुख जुटे। समारोह में कई समाजसेवी और विप्र फाउंडेशन से जुड़े लोग भी मौजूद रहे। ‘संस्कारोदय’ के राष्ट्रीय प्रभारी एवं निकुँजवासी भागवत-भूषण पुराणाचार्य पं. श्री श्रीनाथ शास्त्री जी के सुपौत्र व शिष्य भागवतकिंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री “श्रीकन्हैयाजी” ने सभी का आभार व्यक्त करने के साथ भारतीय सनातन शास्त्रों की प्रामाणिकता के अन्तर्गत वैदिक यात्रा गुरुकुल, वृन्दावन के छात्रों द्वारा प्रज्ञोदय कक्षा की विधा का दर्शन कराया।
इस कार्यक्रम की कड़ी में ही भजन संध्या का भी आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस भव्य समारोह के लिए विप्र फाउंडेशन पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटा हुआ था। इसके लिए प्रदेशभर में बैठकें कर और पीले चावल बांटकर लोगों से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की गई थी।