प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है और आज श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का आशय संकट को रहने वाली चतुर्थी तिथि से है। इस दिन गणपति महाराज की आराधना की जाती है और उनके भक्त आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रखते हैं।
आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त, व्रत विधि और सनातन धर्म में इसका महत्व क्या है।
संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जून 08, 2020 को शाम 07:56 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – जून 09, 2020 को शाम 07:38 बजे
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय – रात्रि 09:54 बजे
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टि के दिन गणपति की पूजा-आराधना करने से समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने भक्तों की सारी विपदाओं को दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें।
इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए।
पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
स्वच्छ आसन या चौकी पर भगवान को विराजित करें।
भगवान की प्रतिमा या चित्र के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें।
ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें।
पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।
शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें।
अपना व्रत पूरा करने के बाद दान करें।
गणपति को लगायें इन 5 चीज़ों का भोग
गणेश को दूर्वा (घास) बहुत प्रिय है इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन उन्हें दूर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन साबूत हल्दी की गांठ गणपति महाराज को चढ़ाने से वर्तमान में चल रही सारी परेशानी दूर हो जाती है।
मोदक (लड्डू) गणेश जी को बेहद ही प्रिय हैं। इसलिए चतुर्थी तिथि पर गणेश भगवान को मोदक जरूर चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
[video_ads]
[video_ads2]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in