हरिद्वार,11 अप्रैल; संस्कार परिवार देहरादून के सप्त सरोवर में स्थित देवभूमि दिव्य ग्राम शिविर में वेद कुंभ का आयोजन किया गया.
देश के सभी विद्वानों ने एक स्वर से कहा वेद जीवन जीने का एक संविधान है. आज मनुष्य कमाना तो सीख गया है लेकिन जीना भूलते जा रहा है. जीवन जीने की आदर्श कला वेदों में ही छुपी हुई है इसलिए वेदों की प्रासंगिकता आज और भी बढ़ जाती है।
वेद के प्रसिद्ध विद्वान और गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय हरिद्वार के वेद विभागाध्यक्ष प्रॉफेसर मनुदेव बंधु ने बताया वेद का अर्थ ज्ञान है, उन्होने कहा सभी का मूल ईश्वर है।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद विभागाध्यक्ष डॉ अरूण मिश्र ने कहा वेद धर्म अर्थ काम और मोक्ष को प्रदान करते है उन्होने संस्कृत और वेदों को जन जन तक पहुंचाने के लिए और सार्थक प्रयासों पर बल दिया।
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चेतन ज्योति संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार के प्रवक्ता डॉ सर्वेश कुमार तिवारी ने वेद और संस्कृत को और प्रासंगिक बनाने के लिए प्रयोगशालायें खोलने पर जोड़ दिया।
जगतगुरु आश्रम कनखल में वेद के आचार्य हरेंद्र उपाध्याय ने बच्चों के संस्कारों के विकास वेदों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के सूत्रधार आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी का पुष्प माला पहनाकर कुंभ में वेद और संस्कृत कुंभ के आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ मथुरा दत्त जोशी, समाजसेवी मनोहर लाल जुयाल, पंडित कमल जोशी,भगवती जोशी, दीपक शर्मा, शीतल पवार आदि उपस्थित रहें।