संत कन्हैया प्रभु नंद गिरि बनेंगे पहले दलित महामंडलेश्वर
लखनऊ, 25 अप्रैल; अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रयाग में यमुना तट पर दलित साधु को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा की. बताया गया कि सनातन संस्कृति के स्वर्णीम इतिहास में किसी दलित को महामंडलेश्वर की उपाधि देने का अखाड़े का यह अब तक का पहला कदम है. अखाड़ा परिषद की ओर से कहा गया कि इस कदम से आने वाले कुंभ महोत्सव से पहले देश में सामाजिक गैर बराबरी और जातीय भेदभाव दूर करने में मदद मिलेगी.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के थाना बिलरियागंज में गांव बरौनी दिवाकर पटटी के रहने वाले कन्हैया कुमार कश्यप ने साल 2016 में उज्जैन सिंहस्थ कुंभ के दौरान संत की दीक्षा दी. उन्होंने कुंभ के दौरान पटियाला (पंजाब) में काली मंदिर स्थित जूना अखाड़े के महंत पंचानन गिरि महाराज से पहली बार संन्यास की दीक्षा ली थी. उस समय महंत पंचानन गिरि महाराज ने उनको नया नाम दिया-कन्हैया प्रभुनंद गिरि.
सोमवार को हुई महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा
कन्हैया कुमार से महंत प्रभुनंद गिरि तक का सफर तय करने वाले दलित साधु को सोमवार की शाम यमुना किनारे मौज गिरि आश्रम में पूर्ण सन्यास दिलाया गया. अब कन्हैया प्रभु सनातन धर्म से बिखरे दलितों और समाज को जोड़ेंगे, ताकि सब एक हो सके और सनातन धर्म का प्रचार करेंगे.