- स्काटलैण्ड से आये 21 वैज्ञानिकों का शिष्ठ मण्डल परमार्थ निकेतन पहुंचा
- माँ गंगा एवं पर्यावरण संरक्षण पर हुई गहन चर्चा
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी केे मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण, माँ गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर शिष्ठ मण्डल पहुंचा परमार्थ निकेतन
- शिष्ठ मण्डल ने माँ गंगा की दिव्य आरती एवं ’गंगा एवं पर्यावरण’ विषय पर साध्वी भगवती सरस्वती जी द्वारा दिये उद्बोधन का भी लाभ लिया
ऋषिकेश, 1 सितम्बर। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट करने स्काटलैण्ट से 21 वैज्ञानिकों का एक शिष्ठ मण्डल, आई आई टी कानपुर के प्रोफेसर विनोद तारे, सिविल एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग, डाॅ रजनीश मेहरा एवं संमित सिंह आहुजा के निर्देशन में परमार्थ निकेतन पहुंचा।
स्काटलैण्ड से आये शिष्ठ मण्डल के सदस्य नील कैमरून किचिंग, डोरेन रीड, बैरी राॅबर्ट ग्रिग, गैलन यारो फल्फोर्ड, माइकल शाॅ, स्टेफनी एलिजाबेथ टेरेनी ब्राउन, हाॅवर्ड ड्रडेन, निकोलस एंडरसन माॅन्टगोमेरी, जानिक मौरिस मान, मार्क विलियम सिमर्स, मार्टिन टैंन्नो, एलन जेम्स रीड, पाॅल कैंपबेल, लिंडसे जेन सेलम्स, कैलुम पीटर मैककिन्न्नोन एवं एंड्रयू केलिनाक ने परमार्थ निकेतन का भ्रमण किया तथा वल्र्ड शौचालय काॅलेज के पाठ्यक्रम एवं काॅलेज की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
प्रोफेसर विनोद तारे और शिष्ठ मण्डल के सभी सदस्यों ने जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव एवं डीवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी से मुलाकात कर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में क्रियान्वित हो रही गतिविधियों के विषय में जानकारी प्राप्त की। साध्वी जी के साथ शिष्ठ मण्डल के सभी सदस्यों ने गंगा पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म भी देखी।
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शिष्ठ मण्डल के सदस्यों ने सायंकालीन सत्संग ’गंगा और पर्यावरण’ जो की साध्वी भगवती सरस्वती जी के द्वारा किया गया में सहभाग किया। साध्वी जी ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। परमार्थ निकेतन में स्काटलैण्ट से आये शिष्ठ मण्डल ने भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं संस्कारों के साथ भारतीय व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भेजे संदेश में कहा कि ’भारत की प्राणवाहिनी गंगा जो कि उत्तराखण्ड से लेकर बंगाल की खाड़ी तक कि जीवन रेेखा है। गंगा है तो भारत है; भारत का गौरव है एवं भारत की संस्कृति है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से गंगा ने भारत को समृद्ध बनाया है। माँ गंगा की अपनी संस्कृति है; गंगा में अनुपम शद्धिकरण क्षमता है। गंगा के प्रति हमारी श्रद्धा, आस्था एवं धार्मिक महत्व होने के बाद भी आज गंगा का पावन जल प्रदूषित हो रहा है। उन्होने सभी से आहृवान किया कि गंगोत्री से निकली गंगा को बंगाल की खाड़ी तक निर्मल और अविरल बनाये रखने के लिये अपना अपना योगदान प्रदान करें तथा सभी को संकल्प कराया कि मिलकर कर गंगा स्वच्छता के लिये कदम बढ़ायें।’
साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ स्काटलैण्ट से आये शिष्ठ मण्डल ने स्वच्छ एवं शुद्ध जल की उपलब्धता हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी में सहभाग किया। साध्वी जी ने हिमालय की दिव्य भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। स्काटलैण्ट से आये शिष्ठ मण्डल ने परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती एवं हवन में सहभाग किया।
स्काटलैण्ट से आये शिष्ठ मण्डल ने की गंगा आरती…