शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने किया राम मन्दिर के प्रतीक (माडल) का शिलान्यास
21 फरवरी 2019), वाराणसी। ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्रतीक (मॉडल) का शिलान्यास आज काशी में 12 बजे केदार क्षेत्र के शंकराचार्य घाट पर स्थित श्रीविद्यामठ में किया।
पूज्य पुरुषों की वाणी कभी व्यर्थ नहीं जाती और जो मुहूर्त आज शिलान्यास का निकला था वह अत्यन्त शुभ था इस कारण से पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने आज ग्लोरियस अकादमी के निदेशक श्री गिरीशचन्द्र तिवारी जी द्वारा भेंट की गयी चाँदी की चार नन्दा, भद्रा, जया एवं पूर्णा शिलाओं द्वारा अयोध्या स्थित राम लला के 67 एकड प्लाट के नक्शे पर शिलान्यास किया ।
ज्ञात हो कि पुलवामा में हुई आतंकी घटना में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए शंकराचार्य जी महाराज ने अयोध्या शिलान्यास के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था ।
इस अवसर पर शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि जो विवादित स्थल है वही श्री राम लला का जन्म स्थल है। ऐसे में मंदिर वहीं बनेगा। वरना देश में तो हजारों ऐसी जगह है जहाँ राम मंदिर बनाया जा सकता है और हजारों राम मन्दिर देश मे हैं लेकिन महत्व रामजन्म भूमि का है। अतः मन्दिर वही बनेगा।
उन्होंने कहा कि हमे हमारे आराध्य भगवान् राम का मंदिर बनाना है न कि महापुरुष राम का पुतला बनाना है।
तीन अन्य स्थानों का भी हुआ शिलान्यास
पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज द्वारा स्पर्श की गयी शिलाओ के द्वारा उनके शिष्य प्रतिनिधि दण्डी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ने वेद सेवालाय, बद्रीनाथ मन्दिर एवं श्रीशंकराचार्य वृद्धसेवालाय का भी शिलान्यास किया । आचार्य पं वीरेश्वर दातार जी के आचार्यत्व में सविधि शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया ताकि ये लोकोपयोगी निर्माण चिरस्थायी बने रहे।
शिलान्यास कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री-सुबुद्धानंद जी महाराज, स्वामी सदाशिव ब्रम्हेन्द्रानंद सरस्वती जी, श्रीमहंत महाराजमणिशरण सनातन जी, धारानन्द ब्रह्मचारी जी, शारदानंद ब्रमचारी, मुरारी स्वरूप ब्रम्हचारी, रामानंद ब्रम्हचारी, कैवल्यानंद ब्रम्हचारी जी, साध्वी शारदाम्बा, साध्वी पूर्णाम्बा, दीपेश दुबे, बालेन्दुनाथ मिश्र, हरिश्चन्द्र शर्मा, विजया तिवारी, संजय पाण्डेय जी, अरविंद मिश्र जी, सुनील शुक्ला जी, रवि त्रिवेदी जी, हरिनाथ दुबे जी, डॉ कमलेश त्रिपाठी जी, अविनाश अंतेरिया जी, आरती नायक जी, उत्तम शर्मा जी, प्रदीप सिंह जी, सुशीला सिंह जी, मुकुंदानंद ब्रम्हचारी, सुनील उपाध्याय, विनीत तिवारी सहित भारी संख्या में सन्त व भक्त उपस्थित रहे