शांतिकुंज के मोबाइल एप से यज्ञीय जीवन शैली सीख रहे युवा
हरिद्वार 10 अप्रैल। कोरोना संकट के वर्तमान दौर में लोगों को भय, असुरक्षा व नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाने के तमाम प्रयासों के बीच गायत्री परिवार का तकनीकी प्रयास इन दिनों लोगों को खूब पसंद आ रहा है – खासकर युवा वर्ग को। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के आईटी सेल के युवाओं द्वारा विकसित किए गए कर्मकांड भास्कर नामक मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर लोग वैदिक भारत की यज्ञीय जीवन पद्धति सीख रहे हैं। सभी आयु वर्ग लोगों द्वारा इसे काफी पसंद किया जा रहा है। आईटी सेल शांतिकुंज द्वारा किये अध्ययन के अनुसार कर्मकाण्ड भास्कर मोबाइल एप को युवावर्ग द्वारा तुलनात्मक रूप से अधिक देखा व पढ़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि सत्प्रवृत्ति संवर्धन व दुत्प्रवृत्ति उन्मूलन की दिशा में गायत्री परिवार द्वारा आयोजित किए जाने वाले गायत्री यज्ञों की महत्ता से आज देश दुनिया का कोई भी बुद्धिजीवी अपरिचित नहीं है। यही नहीं, पर्यावरण शुद्धि व मानसिक स्वास्थ्य को विकसित करने में भी गायत्री यज्ञ के नतीजे अत्यंत उत्साहवर्धक पाए गए हैं। यही वजह है कि गायत्री परिवार के संस्थापक व गायत्री महाविद्या के सिद्ध साधक वेदमूर्ति पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की वयं राष्ट्रे जागृयाम् पुरोहिताः की मंत्र को अमलीजामा पहनाने में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या के नेतृत्व में गृहे-गृहे गायत्री, गृहे-गृहे यज्ञ अभियान समूचे विश्व में चलाया जा रहा है। इस अभियान से जुड़कर लोग ना सिर्फ स्वयं सुखी व सामान्य जीवन जी रहे हैं, वरन अन्यों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
कुशल चिकित्सक, आध्यात्मिक चिंतक डॉ पंड्या का कहना है कि लॉकडाउन की इस अवधि में देशवासियों को भय, तनाव व असुरक्षा के भाव से मुक्त रखने में आध्यात्मिक उपचार सर्वाधिक कारगर है। गायत्री मंत्र एक अत्यंत सशक्त प्राकृतिक सुरक्षा कवच है। इस मंत्र का देवता सूर्य है, जो हमारे जीवन का केंद्र बिंदु है। जिस प्रकार सूर्य के उदय होते ही अंधेरा दूर हो जाता है, ठीक वैसे ही निर्मल व सच्चे भाव से किया गया गायत्री मंत्र का जप और चिंतन हमें नकारात्मक विचारों के अंध तमस से मुक्ति दिलाता है।