केरल बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुटा है शांतिकुंज परिवार
- गायत्री विद्यापीठ के नौनिहालों का केरल को अनुपम उपहार
- आद्य गुरु शंकराचार्यजी की पावन जन्म स्थली कालड़ी में गायत्री परिवार की सेवा
हरिद्वार २९ अगस्त। पीड़ितों की सेवा में सदैव अग्रणी रहने वाले अखिल विश्व गायत्री परिवार केरल बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुटा है। पिछले कई दिनों से शांतिकुंज के दक्षिण भारत जोन के प्रभारी डॉ. बृजमोहन गौड, आपदा प्रबंधन विभाग शांतिकुंज के श्री राकेश जायसवाल, श्री उत्तम गायकवाड़, श्री उमेश शर्मा आदि की टीमें केरल के बाढ़ प्रभावित बारह जिलों में राहत कार्य में जुटी हैं।
शांतिकुंज स्थित दक्षिण भारत जोन से प्राप्त जानकारी के अनुसार गायत्री परिवार ने केरल के एर्नाकुलम में राहत शिविर का बैस कैम्प बनाया है। जहाँ से गाँव-गाँव जाकर सर्वे कार्य से लेकर राहत सामग्री पहुँचाने में दस हजार से अधिक स्वयंसेवी कार्यकर्त्ता दिनरात जुटे हैं। राहत कार्य के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गयी है। जिसमें तैयार भोजन-पैकेट देने, कच्चा भोजन सामग्री, आवासीय सामग्री, मेडिकल सेवा एवं सफाई अभियान प्रमुख है। इन सेवा कार्यों हेतु कालीकट में श्री विश्वनाथन, ज्योतिष प्रभाकरन, कन्नूर में डॉ. नारायण पूद्दू सेरी, एर्नाकुलम में अशोक अग्रवाल, लाजपतराय कचौलिया, रमन चोपड़ा, पीसी अग्रवाल, महेश, अहमदाबाद के डॉ. भीखूभाई पटेल, मंगलभाई पटेल आदि की टीम सतत सक्रिय हैं।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि शांतिकुंज ने केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए सात सूत्रीय कार्य योजना बनाई है। जिसमें भोजन पैकेट पहुँचाना, मेडिकल सेवाएँ, दैनिक उपयोगी की आवश्यक सामग्रियाँ, सफाई अभियान आदि लघु योजनाएँ हैं। जबकि भवनों का निर्माण, स्कूलों का पुनर्निमाण, सामुदायिक भवनों का पुनर्निमाण तथा बाढ़ प्रभावित जिलों के दो-दो गाँवों को गोद लेकर विकास कार्य किया जायेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी दैवीय आपदाओं के समय त्वरित राहत कार्य किये जा सकें, इसके लिए त्वरित आपदा प्रबंधन सेवादल का गठन भी किया जायेगा।
वहीं दूसरी ओर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के नौनिहालों ने रक्षाबंधन में मिले उपहारों को केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए समर्पित कर दिया। साथ ही नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपने पॉकेट खर्च के लिए मिले पैसों को भी केरल के बच्चों के पुस्तकों हेतु दान किया। उनकी सेवा भावना से अन्य लोग भी काफी प्रभावित हैं। वहीं शांतिकुंज के चैतन्य सिद्ध क्षेत्र में रखे केरल बाढ़ पीड़ित राहत घट में लोगों ने उदारतापूर्वक सहयोग कर रहे हैं। विद्यापीठ व राहत घट द्वारा एकत्रित राशि को केरल भेजी जायेगी।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि शांतिकुंज ने केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए सात सूत्रीय कार्य योजना बनाई है। जिसमें भोजन पैकेट पहुँचाना, मेडिकल सेवाएँ, दैनिक उपयोगी की आवश्यक सामग्रियाँ, सफाई अभियान आदि लघु योजनाएँ हैं। जबकि भवनों का निर्माण, स्कूलों का पुनर्निमाण, सामुदायिक भवनों का पुनर्निमाण तथा बाढ़ प्रभावित जिलों के दो-दो गाँवों को गोद लेकर विकास कार्य किया जायेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी दैवीय आपदाओं के समय त्वरित राहत कार्य किये जा सकें, इसके लिए त्वरित आपदा प्रबंधन सेवादल का गठन भी किया जायेगा।
वहीं दूसरी ओर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के नौनिहालों ने रक्षाबंधन में मिले उपहारों को केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए समर्पित कर दिया। साथ ही नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपने पॉकेट खर्च के लिए मिले पैसों को भी केरल के बच्चों के पुस्तकों हेतु दान किया। उनकी सेवा भावना से अन्य लोग भी काफी प्रभावित हैं। वहीं शांतिकुंज के चैतन्य सिद्ध क्षेत्र में रखे केरल बाढ़ पीड़ित राहत घट में लोगों ने उदारतापूर्वक सहयोग कर रहे हैं। विद्यापीठ व राहत घट द्वारा एकत्रित राशि को केरल भेजी जायेगी।
उधर आद्य गुरु शंकराचार्यजी की पावन जन्म स्थली कालड़ी, केरल आश्रम में लगभग 30 से 50 फीट पानी भर चुका था, आश्रम में कीचड़ ही कीचड़ है, गायत्री परिवार के युग सैनिकों द्वारा आश्रम की सफ़ाई का काम किया जा रहा।