शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और इसका समापन 25 अक्टूबर को होगा. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी.
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि के हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है. कहा जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती के लिए अपनी यात्रा शुरू करती हैं. इस दौरान मां अपने खास वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं.
आने वाला कल बताता है मां का वाहन
हर वर्ष मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं. मां का हर एक वाहन एक संकेत देता है. नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर पालकी, नाव, हाथी या घोड़े की सवारी करके आती हैं. मान्यता है कि मां के वाहन से आने वाले कल यानि भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत मिलता है.
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दिन के अनुसार करती है मां वाहन का चुनाव
ऐसी मान्यता है कि अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार से हो रही हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. नवरात्रि जब बुधवार से शुरू होती है तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं. गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने से मां डोली में आती हैं. वहीं कलश स्थापना शनिवार या मंगलवार को हो तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
इस वर्ष ऐसे आयेंगी मां दुर्गा
साल 2020 में शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 17 अक्टूबर शनिवार के दिन से हो रही है. इसलिए मां इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी.
घोड़े पर आगमन का अर्थ
घोड़ा युद्ध का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिषियों की मानें तो घोड़े पर मां का आना भी कुछ शुभ संकेत नहीं दे रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि मां के वाहन से पड़ोसी देशों से युद्ध, राजनीति और सत्ता में उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं.
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