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शिव को प्रसन्न करने के मंत्र

शिव को प्रसन्न करने के मंत्र

भगवान शंकर के अनेक नाम है, कोई महादेव, कोई भोले, तो कोई शिव शंकर के नाम से पुकारता है। भगवान शंकर की आराधना का मूल मंत्र तो “ऊं नम: शिवाय” है लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं जो महादेव को प्रिय हैं।

सोमवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके सोमवार व्रत का संकल्प ले और शिवालय में जाकर जल से शिवलिंग का अभिषेक करें तत्पश्चात इस मंत्र का जाप करें

ऊँ महाशिवाय सोमाय नम:।

मंत्र जाप के बाद गाय का कच्चा दूध शिवलिंग पर अर्पित करें। इस मंत्र का जाप करने से तमाम तरह की शारीरिक, मानसिक और धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं।

भगवान शंकर का पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय ही अमोघ एवं मोक्षदायी है, लेकिन दुर्भाग्यवश जीवन में कोई विकट समस्या आन पड़े तो श्रद्धापूर्वक ‘ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ’ के मंत्र का एक लाख जप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।

‘ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ’

अभीष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए शिवजी के इस मंत्र का जाप करें…

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय| नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय| मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय| श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।

अच्छी सेहत प्राप्ति के लिए भगवान गंगाधर के इस मंत्र का जाप करना चाहिए…

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।।
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय। सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।।

शिव जी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों के जाप से शीघ्र प्रसन्न होते हैं महादेव ।

इस मंत्र के द्वारा शिवजी को स्नान समर्पण करना चाहिए…

ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो| वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद्||

पूजा करते वक्त इस मंत्र के द्वारा भगवान शिव को यज्ञोपवीत अर्पित करना चाहिए-

ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः| स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः||

इस मंत्र के द्वारा भगवान भोलेनाथ को गंध समर्पित करना चाहिए-

ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः| शरवाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च||

इस मंत्र के द्वारा महादेव को धूप समर्पित करना चाहिए…

ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च| नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च||

पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़कर भगवान भोले भंडारी को पुष्प समर्पित करना चाहिए-

ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः प्रतरणाय चोत्तरणाय च| नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः शष्प्याय च फेन्याय च||

इस मंत्र को पढ़कर शिव शंकर को नैवेद्य अर्पित करना चाहिए-

ॐ नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नमः पूर्वजाय चापरजाय च| नमो मध्यमाय चापगल्भाय च नमो जघन्याय च बुधन्याय च||

महादेव की पूजा के दौरान इस मंत्र से उन्हें ताम्बूल औ पूंगीफल  समर्पित करना चाहिए

ॐ इमा रुद्राय तवसे कपर्दिने क्षयद्वीराय प्रभरामहे मतीः| यशा शमशद् द्विपदे चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे अस्तिमन्ननातुराम्||

शिव शंकर को इस मंत्र से सुगन्धित तेल समर्पित करना चाहिए-

ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च| नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च||

भगवान शिव को इस मंत्र के द्वारा दीप दर्शन कराना चाहिए-

ॐ नमः आराधे चात्रिराय च नमः शीघ्रयाय च शीभ्याय च| नमः ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च||

इस मंत्र से भगवान भोलेनाथ को बिल्वपत्र समर्पित करना चाहिए-

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम् अघोरपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्||

ये भगवान शिव को प्रसन्न करने के अत्यंत सरल और अचूक मंत्र हैं । जप करते वक्त इस बात का ख्याल रखे कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो ।भगवान शिव की पूजा करते वक्त यदि उपरोक्त विधि से मंत्रों का जाप किया जाए तो निश्चय ही मनचाहा फल मिलता है,लेकिन मंत्र जाप के साथ-साथ ये भी जरुरी है कि पूजा के दौरान भक्त का मन साफ और पवित्र हो।

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