ऐसा शिव मंदिर जहाँ मुस्लिम भी करते हैं पूजा
भारत जहाँ सभी धर्मों के लोग हैं और जहाँ सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है. भारत भूमि पर कई मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे व चर्च स्थापित है, जिनका अपना-अपना धार्मिक महत्व है, और ये उस धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र होते है. अक्सर आपने देखा होगा की हिन्दू धर्म के लोग सभी जगहों पर आस्था से अपना शीश झुकाते है व मजारों दरगाहों पर जाकर इबादत भी करते है. लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ मुस्लिम धर्म के लोग भगवान शिव की पूजा करते है. आइये आपको बताते हैं कि यह मंदिर कहाँ है और क्यूँ करते हैं मुस्लिम समाज के लोग शिवलिंग की पूजा ?
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कहाँ स्थित है मंदिर
उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर सरया तिवारी नामक गांव में एक ऐसा मंदिर है, जिसमे स्थापित शिवलिंग को हिन्दू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी पूजते है. यह शिवलिंग साम्प्रदायिक एकता की मिसाल है.
क्या है मुस्लिम समाज द्वारा शिवलिंग पूजने का मुख्य कारण
मुस्लिम समाज द्वारा इस मंदिर में पूजा करने का मुख्य कारण, इस शिवलिंग पर इस्लाम धर्म के पवित्र वाक्य है, जिसे महमूद गजनवी ने इस शिवलिंग पर लिखवाया था. कहा जाता है, कि जब महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया था, तब उसने इस शिवलिंग को तोड़ने का भरसक प्रयास किया. लेकिन वह इसे तोड़ नहीं पाया. अंत में हारकर उसने इस शिवलिंग पर लाइलाहाइल्लललाहा मोहम्मादुर्ररसूलअल्लाह लिखवा दिया था. महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर यह वाक्य इसलिए लिखवाया था, ताकि कोई भी हिन्दू व्यक्ति इस शिवलिंग की पूजा न कर पाए. किन्तु तभी से यह शिवलिंग हिन्दू के साथ-साथ मुस्लिम धर्म के लोगों में भी आस्था का केंद्र बन गया.