इन उपायों से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव..
सावन के माह में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी । अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गुल का धूप दें।
सावन के माह में शिवलिंग पर केशर मिला दुध चढाने से विवाह कार्य में आ रही बाधा दूर होती है।
सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में ‘राजा’ ‘महाराजा’ जैसी सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
सावन में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद शिव मंदिर में भगवान शिव का जल से अभिषेक कर उन्हें काले तिल अर्पण करें तत्पश्चात मन ही मन में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
सावन में किसी नदी या तालाब जाकर ॐ नमः शिवाय का जप करते हुए आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं, यह धन प्राप्ति का बहुत ही सरल उपाय है।
सोमवार के दिन भगवान शिवजी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें। प्रसाद को गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्र सहित ग्रहण करें।
सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
इस मंत्र का करें जाप…
ॐ नमः शिवाय॥
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार एक ग्रन्थ में आया की श्रावण में कोई नित्य रावण कृत शिव ताण्डव स्त्रोत का पाठ करता हैं तो रावण उन पर मेहरबान होता हैं ।
और यदि द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग मंत्र का पाठ करता हैं तो भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं। और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करते हैं तो माँ दुर्गा आपके रोग और ग्रह को दोष को नष्ट कर देती हैं ।
और मात्र “ॐ नमः शिवाय” जपते हैं तो भगवान् शिव स्वयं खुश होते हैं ।
और “ॐ गं पां बं कां शिवाय नमः” बोलने से शिव परिवार खुश होता हैं जो सभी अभिष्ट फल को देते हैं। इस श्रावण मास में आप हो सकते हैं कष्ट से मुक्त एक मंत्र मात्र शिव के नाम से ।
“जय सदा शिव आनंद श्रावणानन्द नमः शिवाय शिव तराय ।”
किसी भी समस्या के लिए श्रावण में करे उचित उपाय किसी योग्य विद्वान् ब्राह्मण आचार्य द्वारा आपको शीघ्र सफलता प्राप्त होगी । कल्याण हो।।
शुभम भवतु।।