अश्वमेध महायज्ञ की रजत जयंती के रंग में डूबे अमेरिकावासी
- लॉस ऐन्जिल्स में डॉ. पण्ड्या ने किया सामूहिक साधना का शंखनाद
हरिद्वार 14 सितम्बर। गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने अमेरिका के लॉस ऐन्जिल्स में सामूहिक साधना का शंखनाद किया। यह कार्यक्रम परम वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा के संचालन में अगस्त, 1993 में हुए अश्वमेध महायज्ञ की रजत जयंती के रूप में आयोजित है।
इस अवसर पर श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार की धुरि है साधना। साधना से आत्म निर्माण के साथ परिवार, समाज का निर्माण होता है। साधना से सकारात्मक बदलाव आता है और इससे धीरे-धीरे समाज, राष्ट्र का नवनिर्माण होने लगता है। उन्होंने कहा कि सन् 1926 महर्षि श्री अरविन्द, वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री द्वारा प्रज्वलित अखण्ड दीपक का शताब्दी वर्ष है। गायत्री परिवार ने वसंत पंचमी 1918 से 1926 तक के 9 वर्षीय विशेष महापुरश्चरण साधना का क्रम प्रारंभ किया है। इससे अधिकाधिक साधकों को जोड़ा जा रहा है। प्रयास है कि देश-विदेश के शहर-शहर, स्थान-स्थान में सामूहिक साधना का क्रम चले। उन्होंने कहा कि इस निमित्त लाखों गायत्री साधक विगत वसंत पंचमी से जुट गये हैं। अब तक इसमें अच्छी सफलता मिली है। देश-विदेश में स्थित प्रज्ञा संस्थानों में सामूहिक साधना का क्रम प्रारंभ हो गया है। इसमें युवाओं की भी अच्छी भागीदारी है। उन्होंने कहा कि लॉस ऐन्जिल्स में युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं, यह समाज के नवनिर्माण हेतु अच्छा संकेत है।
वहीं समुद्र के निनाद के बीच सामूहिक ध्यान साधना का आयोजन हुआ। जिसमें साधकों ने गोता लगाया। साधकों को श्रद्धेय डा. पण्ड्या ने ध्यान-साधना हेतु मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर देसंविवि प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या सहित शताधिक साधक उपस्थित रहे।