सरल प्राणायाम: ज्यादा व्यस्त रहने वालों के लिए उत्तम प्राणायाम
आज के युग में बहुत से लोगो के पास कहीं जा कर प्राणायाम के लिए समय देना थोड़ा मुश्किल होता है. जिस कारण वह चाह कर भी प्राणायाम का लाभ नहीं ले पाते है.
प्रत्येक प्राणायाम की अपनी अपनी विशेषता होती है. जिसे करने से शरीर को कई फायदे मिलते है. कुछ प्राणायाम ऐसे होते है जिन्हे हम आसानी से कर पाते है और कुछ प्राणायाम ऐसे होते है जो कठिन होते है और उन्हें किसी प्रशिक्षक की देखरेख में ही सीखा जा सकता है.
आज हम आपको ऐसे प्राणायाम के बारे में बता रहे है जिसे आप बड़ी ही सरलता से अपने सुविधाजनक स्थान पर कर पाएंगे और इसके लिए आपको ज्यादा समय देने की आवश्यकता भी नहीं होगी. चलिए जानते है सरल प्राणायाम की विधि और उसमें बरतने वाली सावधानियां-
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सरल प्राणायाम को करने की विधि:-
- प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले एक शांत स्थान पर मेट को बिछा ले.
- फिर उस पर सुखासन या फिर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाए.
- इस मुद्रा में आपके सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे.
- इसके बाद बाए हाथ से नाक के दाए छेद को बंद करके नाक के बाए छेद से धीरे धीरे हवा को अंदर की तरफ ले.
- जब पूरी तरह से हवा अंदर भर जाए तो एक सेकंड के लिए हवा को अंदर ही रोक कर रखे.
- इसके बाद नाक के बाए छेद को बंद करके दाए छेद से अंदर की हवा को धीरे धीरे करके बाहर की ओर छोड़े.
- अब फिर से बाए छेद को बंद करके दाए छेद से धीरे धीरे हवा को अंदर ले और 1 सेकंड के लिए हवा को अंदर ही रोक कर रखे.
- फिर दाए छेद को बंद करके बाए छेद से हवा को बाहर निकाले.
- इस तरह आपको सबसे पहले बाए छेद से हवा को खींचकर रखना है और फिर दाए छेद से हवा को छोड़ना और साँस को बाहर ही रोक कर रखना होना है.
- इसके बाद नाक के दाए छेद से हवा को अंदर खींचना और बाए छेद से बाहर निकालना होता है.
- इस संपूर्ण प्रक्रिया को 10 से 20 बार दोहराना चाहिए .
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सरल प्राणायाम को करते समय सावधानियां
- गर्भवती महिलाको यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए. साथ ही 12 साल से छोटे बच्चों को भी यह प्राणायाम ना करवाए.
- यदि किसी व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होती है या फिर प्राणायाम करते समय चक्कर आने लगे तो भी इस प्राणायाम को ना करे.
- इस अभ्यास को 2 मिनट से ज्यादा ना करे.नियमित अभ्यास होने पर ही इसके समय को बढ़ाये.
- प्राणायाम को सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए.
- प्राणायाम को हमेशा शांत मन से करना चाहिए.इसके लिए जल्दी न करे नहीं तो इसके सही लाभ से वंचित हो जायेंगे.