शांतिकुंज में आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के परिजनों की विशेष शिविर
हरिद्वार, 25 अक्टूबर। शांतिकुंज में आंध्र प्रदेश व तेलंगाना प्रदेश के 350 से अधिक भाई–बहिनों का विशेष साधना सत्र की शुरुआत हुई। व्यवस्थापक श्री शिवप्रसाद मिश्र, दक्षिण भारत जोन प्रभारी डॉ. बृजमोहन गौड़, जोनल प्रभारी श्री कालीचरण शर्मा, दक्षिण भारत जोन संयोजक श्री अश्विनी सुब्बाराव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए व्यवस्थापक श्री शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि राष्ट्र जागरण के लिए पुरोहितों की महती आवश्यकता होती है। पुरोहित वह है, जो दूसरों के कष्ट–कठिनाइयों, समस्याओं का निष्काम भाव से समाधान ढूँढ़ें एवं उसे आगे बढने के लिए सतत प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि समाज आज विकट समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे समय में उन लोगों की जरूरत है, जो समाज, राष्ट्र को आगे बढ़ाने में अपनी क्षमता का निःस्वार्थ भाव से अधिक से अधिक उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में कुलपुरोहित, राजपुरोहित व राष्ट्र पुरोहित होते थे और जो अपने यजमान, समाज, राज्य व राष्ट्र के उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते थे। आज पुनः उस परंपरा को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है। दक्षिण भारत जोन प्रभारी डॉ. बृजमोहन गौड़ ने कहा कि परिवर्तन के इस वेला में साधना से ही हमारा तन स्वस्थ व मन शुद्ध रह पायेगा। परिवार से ऊपर उठकर समाज व राष्ट्र के लिए अपना योगदान देना चाहिए। जोनल समन्वयक श्री कालीचरण शर्मा ने कहा कि पूज्यवर पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के बताये सूत्रों का पालन व सत्साहित्यों का नियमित अध्ययन से वैचारिक शक्ति बढ़ती है।
इस अवसर पर दक्षिण भारत जोन के समन्वयक श्री अश्विनी सुब्बाराव ने आंध्रप्रदेश व तेलंगाना प्रदेश में युवाओं को सकारात्मक दिशा देने पर बल दिया। जिसके लिए स्वयं की शारीरिक व वैचारिक क्षमता को बढ़ाने के विविध उपायों की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रशांति शर्मा ने तेलुगु अनुवाद व उमेश शर्मा ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया।