प्रजापिता ब्रह्माकुमारी अन्तर्राष्ट्रीय महासम्मेलन सम्पन्न हुआ : “नाजुक समय के लिए आध्यात्मिक समाधान”
- “विश्व की अनेक समस्याओं का समाधान आध्यात्मिकता है”– प्रणब मुखर्जी
- “मानवता से प्रेम ही राजनीति का आधार बने”– अर्जेंटीना उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली 10 मार्च : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा ‘नाजुक समय के लिए आध्यात्मिक समाधान’ विषय पर स्थानीय इंदिरा गाँधी स्टेडियम में आज आयोजित एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय महासम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें 122 देशों के गणमान्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आज मानव समाज काम, क्रोध, लोभ और हिंसा रूपी भयावय समस्याओं से जूझ रहे हैं। चारों ओर लोग निराशा, भय, अशान्ति, असन्तुष्टता व अवसाद से घिरे हुए हैं। इसका मूल कारण मानव के समाजिक, नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों में गिरावट ही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे नाजुक समय में आध्यात्मिकता ही एकमात्र सहारा है जो मनुष्य की चेतना को संकीर्ण स्वार्थ, लोभ-लालच व धर्मान्धता से ऊपर समग्र मानवता के साथ जोड़े, वासुधैव कुटुम्बकम और विश्व एक परिवार की भावना के साथ जोड़कर विश्व बन्धुत्व की परिवेश निर्माण करें। भारत का यह प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान व परम्परा विश्व को नई दिशा और दशा प्रदान करेगा। एक समृद्ध राष्ट्र और सुखमय विश्व के नवनिर्माण के लिए नई पीढ़ी को इस आध्यात्मिकता से प्रेरित करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि आध्यात्मिकता कोई धार्मिक कर्मकाण्ड नहीं लेकिन मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को व्यवहारिक जीवन में उतारने की शिक्षा है जो लोगों को आदर्श नागरिक, बच्चों को अच्छे विधार्थी, व्यवसायियों को ईमानदार तथा विभिन्न जाति, धर्म, भाषा, प्रान्त और देशों में शान्ति व सदभावना का वातावरण बनाती है।
प्रातकालीन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए अर्जेटीना की उपराष्ट्रपति श्रीमति गेब्रियाला मिशेटी ने कहा कि राजनीति का मतलब मानवता से प्रेम और उनकी परिवार के सदस्यों की तरह सेवा करना है। अगर मैं राजनीति को मानव सेवा से नहीं जोड़ती तो राजनीति मात्र शक्तियों का दुरूपयोग बनकर रह जायेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा भगवान के साथ सम्बन्ध जुड़ने से ही राजनीति को दिशा मिली है और यह एक मानवता की सेवा बन गयी है। अपने प्रेम को मानवता के उत्थान के लिये लगाना ही विश्व को हमारी देन है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के अतिरिक्त महासचिव ब्र.कु. बृजमोहन ने इस सम्मेलन का उद्देश्य सभी को विश्व परिवर्तन के लिए जागृत करने और जिस प्रकार रात के बाद दिन होता है उसी प्रकार वर्तमान कठिन परिस्थितियों के बाद शान्ति के सवेरा लाना बताया।
प्रेरणादायी वक्ता एवं हाल ही में नारी शक्ति राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त ब्र.कु. शिवानी ने कहा कि विश्व में सभी देश अलग हैं, सांस्कृति अलग हैं, संस्कार अलग है परन्तु भगवान के साथ सम्बन्ध कॉमन है और ईश्वर के साथ यही आध्यात्मिक सम्बन्ध विश्व में परिवर्तन लायेगी।
उन्होंने बताया कि विज्ञान और अनुभव कहता है कि हम जिसे याद करते है उसके मन के भाव हमारे में आ जाते है। इसलिए हम भगवान को याद करेगें तो उसकी वायब्रेशन, शक्ति, गुण व दिव्यता हमारे में जा जायेगी और जब प्रत्येक में यह दिव्यता आयेगी तो समूचा विश्व दिव्य बन जायेगा।
यूरापीय देशों में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्रों की निदेशिका राजयोगिनी ब्र0कु0 जयन्ती ने कहा कि यदि हम समय को एक सीधी रेखा के रूप में देखते है तो हमारा भविष्य, नैतिकता, चरित्र कहां तक गिरता जायेगा कह नहीं सकते। वहीं यदि हम समय को एक चक्र के रूप में देखते है तो हमें आशा नजर आती है वर्तमान असत्य, भ्रष्टाचारी दुनिया से सत्य, श्रेष्ठाचारी दुनिया में परिवर्तन होने की। जिसके लिए हमें प्रयास और भगवान का साथ जरूरी है।
इसके अलावा प्रमुख रूप में यू0के0 के वरिष्ठ पत्रकार नेविल हॉडकिन्सन, ऑस्ट्रलिया के लीडरशिप प्रोजेक्ट के प्रेरता विक्टर परटन, सैशेल्स से वैलेन्टिना सैट, ब्राजील से प्रबन्धक विशेषज्ञ केन ऑडोनल एवं आस्ट्रेलिया में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र संचालक चार्ली हॉग आदि ने विषय पर अपने वक्तव्य रखे तथा हॉगकॉग से हैरी वॉग ने मैजिक शॉ द्वारा दशर्का को आश्चर्यचकित किया तथा चीन की सुश्री वॉग स्कू िंयंग चाईनिज डान्स व अफ्रिका डेजर्ट रोज ग्रुप ने लाईव कन्सर्ट प्रस्तुत किया। साथ ही भारत व विदेश के विभिन्न धर्मों के गुरूओं ने इस अवसर पर अपनी शुभकामनायें दी।