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Swami Agnivesh : Life Journey (1939-2020)

स्वामी अग्निवेश का जीवन

स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 को हुआ था। वे आर्यसमाज से सालों पहले जुड़ गए थे। वैसे वे एक बार हरियाणा से चुनाव लड़कर विधानसभा में भी जा चुके थे। पर उन्होंने आर्य समाज में रहकर बहुत सारी कुरीतियों पर काम किया और समाज में सभी को साथ लाने की कोशिश की। बंधुआ मजदूरी के खिलाफ उनका आंदोलन और बंधुआ मजदूर लिबरेशन फ्रंट का 1981 में निर्माण करके वे इस उद्देश्य पर काम करते रहे।

स्वामी अग्निवेश और आर्य समाज

स्वामी अग्निवेश आर्य समाज के वर्ल्ड काउंसिल के 2004 से 2014 तक अध्यक्ष रहे। 1875 में महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित ये काउंसिल आर्य साज की सबसे बड़ी संस्था है। देश विदेश में हजारों अंतर्धामिक आयोजनो में वे शिरकत करते रहते थे और भारत की छवि को हर मंच पर मजबूत किया। 1994 से लेकर 2004 तक वे संयुक्त राष्ट्र के मजदूरी के एक समूह के चेयरपर्सन भी रहे।

स्वामी अग्निवेश का बचपन और युवावस्था

स्वामी अग्निवेश का जन्म वैसे आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ था। पर पिता की मृत्यु के बाद उनके नाना ने उन्हें चार साल की उम्र में गोद ले लिया। नाना आज के छत्तीसगढ़ के एक स्टेट सुक्ती के दीवान थे। उन्होनें कानून की पढ़ाई की और कोलकाता के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में मैनेजमेंट भी पढ़ाया।

स्वामी अग्निवेश और राजनीति

1970 में स्वामी अग्निवेश ने एक राजनैतिक दल बनाया, आर्य सभा। इससे चुनाव लड़कर वे हरियाणा विधानसभा में 1977 में पहुंचे। वे कैबिनेट मिनिस्टर भी बनें। हालांकि 2008 में आर्यसमाज से उन्हें निष्काषित भी किया गया। बाद में अन्ना आंदोलन के वक्त वे काफी सक्रिय रहे पर विवादों में भी फंसे। हाल के सालों में बीजेपी सरकार के कई फैसलों का उन्होनें विरोध किया और कई जगह उन्हें सार्वजनिक अपमान का भी सामना करना पड़ा।

स्वामी अग्निवेश और सर्वधर्म

स्वामी अग्निवेश इंटरफेश संवाद के क्षेत्र में बहुत सक्रिय थे। वे Elijah Interfaith Institute के बोर्ड मेंबर से लेकर KAICIID Dialogue Centre के महत्वपूर्ण सदस्य रहे।

2004 में उन्हें राजीव गांधी सद्बावना पुरस्कार, एम ए थॉमस नेशनल राइट्स अवार्ड के संग संग कई सम्मान प्राप्त हुए थे।

@religionworldin

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Post By Religion World