महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय मुलाना के दीक्षांत समारोह में स्वामी चिदानन्द सरस्वती रहे प्रमुख अतिथि
- यूनिवर्सिटी युवाओं की कल्पनाओं के देती है वास्तविक उड़ान
- रक्तदान के लिये रक्त के साथ संवेदनशील हृदय होना नितांत आवश्यक – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- युवाओं से किया आह्वान अपने लहू का देश और समाज के लिये दे बलिदान
ऋषिकेश, 14 जून। महर्षि मारकंडेश्वर विश्व विद्यालय मुलाना, अम्बाला हरियाणा में आयोजित दीक्षांत समारोह में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज रहे मुख्य अतिथि। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय मुलाना चांसलर डाॅ तरसेमलाल गर्ग और विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। स्वामी जी महाराज ने इंजीनियरिंग, मेडिकल, लाॅ, मैनेजमंेट, नर्सिग और फार्मेसी के छात्रों को उपाधि प्रदान की।
महर्षि मारकंडेश्वर विश्व विद्यालय मुलाना, अम्बाला हरियाणा में लगभग 12 हजार छात्र-छात्रायें शिक्षा प्राप्त कर रहे है। स्वामी जी ने कहा कि यह संकल्प शक्ति का ही परिणाम है। संकल्प में बहुत बल होता है उन्होने सभी से आह्वान किया कि श्रेष्ठताओं के लिये हर हृदय में संकल्प उभरना चाहिये तभी देश उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है।
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने युवाओं को रक्त दान करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होनेे कहा कि रक्तदान महादान है। रक्तदान करके हम कई जिदंगियाँ बचा सकते है। रक्तदान के लिये रक्त के साथ संवेदनशील हृदय होना नितंात आवश्यक है।
स्वामी जी ने छात्रों के सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारे देश का हर बच्चा शंकराचार्य, विवेकानन्द, गांधी और बुद्ध बनकर जीवन ही नहीं बल्कि सारे जहाँ’ में शाश्वत शान्ति एवं सद्भाव की स्थापना कर सकता है। युवा, राष्ट्र की नींव हंै और मजबूत नींव पर ही देश का अस्तित्व टिका रह सकता है।
स्वामी जी महाराज ने युवाओं को स्वच्छता एवं जल संरक्षण हेतु प्रेरित करते हुये कहा कि अपने जन्मदिवस, विवाहदिवस, पर्वों को यादगार बनाने के लिये पौधों का रोपण करे। साथ ही वृक्षारोपण और नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने का संकल्प करे क्योंकि नदियाँ और पौधे बचंेगे तो पीढ़ियाँ बचेगी और धरती भी बचेगी। उन्होने कहा कि देश के युवा को पर्यावरण के प्रति जागरूक होना होगा तभी प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ जल से युक्त विश्व का निर्माण किया जा सकता है।
महर्षि मारकंडेश्वर विश्व विद्यालय के चासंलर डाॅ तरसेम लाल गर्ग ने स्वामी जी महाराज की गौरवमय उपस्थिति के लिये उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि छात्रों ने आज आध्यात्मिक गुरू के सान्निध्य में अध्यात्म, स्वच्छता, पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण का संदेश प्राप्त हुआ यह हमारे संस्थान के लिये गर्व का विषय है।
स्वामी जी महाराज ने महर्षि मारकंडेश्वर विश्व विद्यालय के प्रागंण में हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रांे एवं प्रोफेसरों को पर्यावरण, जल संरक्षण एवं रक्तदान कर जिदंगियों को बचाने का संकल्प कराया।
महर्षि मारकंडेश्वर विश्व विद्यालय के चासंलर डाॅ तरसेमलाल गर्ग, प्रोफेसर एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों और अतिथियों ने हाथ उठाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया।